रिकांगपिओ (जेएस नेगी): सीटू संबंधित शौंगठोंग करच्छम हाईडल वर्कर यूनियन का अपनी मांगों को लेकर चलाया गया आंदोलन आज 123 वें दिन पंहुच गया है। इस आंदोलन के साथ-साथ सीटू नेताओं, वर्करों व कंपनी प्रबंधन की लड़ाई भी बढ़ती जा रही है। शनिवार को रल्ली में कंपनी द्वारा सीटू वर्करों के शैड को डोजर से तहस-नहस करने पर सीटू ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है तथा इसे कंपनी का अमानवीय व्यवहार बताया है।
सीटू राज्य कमेटी के अध्यक्ष जगत राम व उपाध्यक्ष बिहारी सेवगी ने यहां एक जारी प्रेस ब्यान में कहा है कि प्रदेश सरकार व कंपनी मजदूरों के साथ अमानवीय व्यवहार कर रही है, जिसका उदाहरण गत दिवस रल्ली में देखने को मिला, जिसमें कंपनी द्वारा मजदूरों के कैंप पर डोजर चलाकर पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले प्रदेश सरकार व स्थानीय विधायक के इशारे पर पहले रल्ली कैंप में रह रहे मजदूरों को गिरफ्तार किया गया।
उसके बाद पटेल कंपनी व कुछ असमाजिक तत्वों जिनका पटेल कंपनी के साथ सांठ-गांठ है ने मजदूरों के कैंप को पूरी तरह से डोजर से उखाड़ दिया। यही नहीं मजदूरों के बर्तनों, खाना आदि बनाने का सामान सहित उनके कपड़े आदि तक को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिससे मजदूरों को खुले आसमान के नीचे रहने को मतबूर होना पड़ रहा है और इसके जिम्मेदार कंपनी प्रबंधन, शासन व प्रशासन है।
उन्होंने शासन प्रशासन व कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि इससे पहले भी सीटू मजदूरों के साथ अनेक घटनाऐं हुई हैंं, जिनमें मजदूरों के कैंपों को जलाया गया, कमरों के दरवाजों को तोडक़र उनके साथ मारपीट की गई। यहां तक की उनके सामान को भी नदी में फैंक दिया गया, परन्तु फिर भी इन मामलों में संलिप्त लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने पर भी उनके विरूद्ध कानूनी कार्रवाई नहीं की गई, जिससे यह साबित होता है कि इसमें सरकार व प्रशासन की मिलीभगत है जिसकी सीटू कड़े शब्दों में निन्दा करती है।
उन्होंने कहा है कि सीटू राज्य कमेटी ने फैसला लिया है कि इन सारी घटनाओं को लेकर प्रदेश उच्च न्यायालय व मानवाधिकार आयोग में शिकायत की जाएगी।