शिमला/नाहन, 21 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश में अप्रैल माह में भी मौसम की बेरुखी जारी है। पिछले दो-तीन दिन से प्रदेश के कई इलाकों में लगातार बारिश व ओलावृष्टि का दौर जारी है।
निचले हिमाचल में जहां बारिश व ओलावृष्टि ने गेहूं की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है तो वहीं ऊपरी शिमला में सेब की फसल समेत अन्य गुठलीदार फलों पलम, आड़ू, खुमानी व चेरी को अंधड़ की वजह से नुकसान पहुंचा है। जिसके चलते किसान-बागवान परेशान है। बागवानों का कहना है कि यह समय सेब में फ्लावरिंग का है। ओलावृष्टि ने सेब की फसल को तबाह कर दिया है। सरकार जल्द नुकसान का आंकलन कर बागवानों को मुआवजा प्रदान करें।
सिरमौर जिला की पीच वैल्ली राजगढ़ में पलम व आड़ू का फूल बुरी तरह से झड़ गया है। वहीं मैदानी इलाकों में बारिश के साथ आए अंधड़ व ओलावृष्टि ने गेंहू की फसल को भारी नुकसान पहुंचाया है। जहां गेंहू की फसल भीगने से दाना काला पड़ गया है। वहीं पशुओं को खिलाए जाने वाले भूसे की क्वालिटी भी प्रभावित हुई है। पिछले वर्ष भी किसानों व पशुपालकों ने मौसम की बेरुखी के चलते हरियाणा से करीब 1300 रुपए क्विंटल तक भूसा खरीदा। गेहूं स्थानीय लोगों के लिए साल भर का खाद्यान पदार्थ है। यही नहीं गेंहू से आटे के अलावा पशुओं के लिए फीड व दलिया बनाया जाता है। मौसम की बेरुखी ने किसानों की नींद उड़ा दी है।
सिरमौर जिला किसान मोर्चा के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह ने प्रदेश सरकार से किसानों को फौरी राहत देने की मांग उठाई है। यही नहीं भारी अंधड़ से सिरमौर, ऊना, हमीरपुर, कांगड़ा व बिलासपुर जिलों में आम का कोहर (बोर) पूरी तरह से झड़ गया है। निचले क्षेत्रों में इस बार आम की बम्पर फसल की उम्मीद की जा रही थी। मगर फल आने से पहले ही ओलावृष्टि व आंधी ने आम के बोर को पूरी तरह से नष्ट कर दिया। वहीं बचा-खुचा बोर बारिश के कारण पूरी तरह काला पड़ने लगा है। स्थानीय बागवानों ने प्रदेश सरकार से आम की फसल के लिए समर्थन मूल्य देने के अलावा मुआवजा जल्द घोषित करने की मुख्यमंत्री से मांग की है।