राजगढ, 14 अप्रैल : सिरमौर जिले के राजगढ़ क्षेत्र का प्रसिद्ध व पारंपरिक तीन दिवसीय जिला स्तरीय बैसाखी मेले का शुभारंभ शुक्रवार को उपायुक्त राम कुमार गौतम ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
शिरगुल देवता की पारंपरिक रूप से पूजा अर्चना के बाद उपायुक्त ने शिरगुल महाराज की पालकी के साथ शोभा यात्रा में भाग लिया। शिरगुल देवता की पालकी की शोभायात्रा पारंपरिक वाद्य यन्त्रों के साथ शिरगुल देवता मन्दिर से राजगढ़ बाजार होते हुए मेला ग्राउंड नेहरू मैदान तक निकाली गई, जिसमें बडू साहिब के गतका दल व यंगद्रंग बोन मोनासटिक सैन्टर दौलाजी व उत्तरी क्षेत्रीये सांस्कृतिक केन्द्र पटियाला के दलों ने भाग लिया।
उपायुक्त राम कुमार गौतम ने लोगों को संबोधित करते हए कहा कि बैसाखी मेले का शुभारंभ 20वीं शताब्दी से किया गया है। राजगढ़ का यह मेला प्रदेश के प्राचीन मेलों में से एक है, जिसे हर वर्ष बैशाख की संक्रांति को इस क्षेत्र के आराध्य देव शिरगुल के नाम पर मनाया जाता है। इस सुप्रसिद्व व पारंपरिक मेले को राजगढ़ क्षेत्र के आस-पास के सभी गावों के लोग मिल-जुल कर मनाते आ रहे हैं।
उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चलने वाले इस मेले के दौरान सांस्कृतिक संध्याओं के साथ-साथ दिन में भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे जिला सिरमौर की समृद्ध संस्कृति के साथ-साथ प्रदेश व स्थानीय लोक कलाकारों को मंच पर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि मेले एवं त्यौहार हिमाचल की विशेष पहचान है। इन मेलों के आयोजन से जहां एक ओर हमें एक दूसरे की संस्कृति को समझने का अवसर मिलता है। वहीं इन मेलों के माध्यम से आपसी भाईचारे की भावना को भी बल मिलता है। इससे पूर्व उपायुक्त ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।
अध्यक्ष मेला कमेटी व एसडीएम राजगढ़ यादविंद्र पॉल ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए शॉल, टोपी व स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर राजगढ़ के विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं एवं विभिन्न सांस्कृतिक दलों के कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया गया।
इस मौके पर पुलीस उप-अधीक्षक अरूण मोदी, तहसीलदार उमेश शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।