मंडी (वी कुमार) : राज्य सरकार ने नेरचौक में निर्माणाधीन ईएसआईसी के मेडिकल कॉले
ज को सेल्फ फाईनेंसिंग स्कीम के तहत चलाने का निर्णय लिया। सरकार हर वर्ष इसके संचालन पर 20 करोड़ रूपये की राशि खर्च करेगी। यह जानकारी स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने बुधवार को मेडिकल कालेज का निरीक्षण करने के उपरांत पत्रकारों से बातचीत के दौरान दी।
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राज्य सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज नेरचौक का अधिग्रहण करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री का यहां पर यह पहला अधिकारिक दौरा था। उन्होंने मेडिकल कॉलेज में अब तक हुए कार्य का जायजा लिया और अधिकारियों को इस बारे में आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मेडिकल कालेज में अलग वर्ष से कक्षाएं शुरू की जायेंगी और इसके लिए एमसीआई को कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए आवेदन कर दिया गया है।
उन्होंने बताया नाहन के मेडिकल कॉलेज में इसी वर्ष से कक्षाएं शुरू होंगी जबकि चंबा और हमीरपुर के मेडिकल कॉलेज का निरीक्षण करने के लिए भी एमसीआई को आवेदन कर दिया गया है। आवेदन के साथ राज्य सरकार ने 3.50 लाख के तीन चैक भी एमसीआई को भेज दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक पीजीआई के बाद दूसरे नंबर का संस्थान होगा जहां पर लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार की सुविधाएं मिलेंगी। इस कॉलेज को हिमाचल मेडिकल कॉलेज मंडी एट नेरचौक के नाम से जाना जाएगा। भविष्य में किसी स्वतंत्रता सेनानी के नाम पर कॉलेज का नाम रखने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि कॉलेज में 15 सीटें एनआरआई के लिए होंगी जबकि बाकी सीटों की फीस का मुद्दा कैबिनेट में चर्चा के लिए भेजा जायेगा।
कौल सिंह ठाकुर ने स्पष्ट किया कि नेरचौक का मेडिकल कॉलेज सेल्फ फाईनेंसिंग स्कीम के तहत ही चलाया जाएगा, क्योंकि गुजरात जैसे बडे राज्य में भी इस स्कीम के तहत कई मेडिकल कॉलेज चल रहे हैं।
बता दें कि मेडिकल कॉलेज नेरचौक पर अभी तक 800 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है और भविष्य में भवन निर्माण का सारा कार्य ईएसआईसी द्वारा ही किया जाना है। राज्य सरकार सिर्फ इसका संचालन और देखरेख का कार्य करेगी।
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