देहरादून (एमबीएम न्यूज): इंडियन मिलिट्री अकादमी देहरादून ने दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए शनिवार को देश को ओर 565 जांबाज सैन्य अफसर दिए है। हालांकि स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन संभतव: इन सैन्य अधिकारियों में एक दर्जन हिमाचली युवा है। इसमें से तीन सैन्य अधिकारी सिरमौर व एक मंडी जिला से ताल्लुक रखते हैं। शेष हिमाचली सैन्य अधिकारियों की जानकारी जुटाई जा रही है।
भारतीय सैन्य अकादमी में भारत माता की रक्षा का संकल्प लेकर ये नव सैन्य अधिकारी शनिवार की सुबह आईएमए की ऐतिहासिक चेटवुड बिल्डिंग के सामने मैदान में ड्रिल स्क्वायर पर अंतिम पग पार कर भारतीय सेना का अंग बन गए। मित्र देशों के 45 जेटलमेंट्स कैडेट्स भी पास आउट हुए। साउथ-वैस्टर्न कमांड के जनरल आफिर इन कमांडिंग चीफ लेफ्टीनेंट जनरल सरथ चंद्र ने बतौर रिव्यू ऑफिसर परेड की सलामी ली। इसी के साथ ही आईएमए से निकले अफसरों की संख्या 58983 हो गई है, इसमें 1908 विदेशी जीसी भी शामिल हैं। सैन्य अफसर देने के मामले में आईएमए ने अपने नाम रिकार्ड भी कर लिया है।
शनिवार की सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार भारतीय सैन्य अकादमी में गौरवशाली पासिंग आउट परेड का आयोजन हुआ। सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ पासिंग आउट परेड का शुभारंभ हुआ। कंपनी सार्जेंट मेजर कुमार गौरव, सिद्धार्थ शुक्ला, परमेंद्र सिंह, अक्षय रामदास गायकवाड, चीनू कुंजमोन व अक्षत चंदेल ने ड्रिल स्क्वायर पर अपनी-अपनी जगह ली। एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर राजेंद्र सिंह बिष्ट ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। आईएमए गीत पर कदमताल करते जैंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचे, तो माहौल में खुद-ब-खुद जोशो-खरोश पैदा हो गया।
एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थे, तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिये उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी। सुबह से ही जेंटलमेंट कैडेट्स के परिजन भी पीओपी के साथ ही अपने होनहारों को सैन्य अधिकारी के रूप में देखने के लिए चैटवुट बिल्डिंग के सामने मैदान पर पहुंच गए थे। इस ऐतिहासिक पल का जितना इंतजार इन नव सैन्य अधिकारियों को था, उतनी ही उत्सुकता उनके परिजनों को भी थी। इस दौरान आईएमए के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी, डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल मंदीप सिंह आदि मौजूद रहे।
पासआउट जीसी का ब्यौरा
पासिंग आउट परेड में 425 जीसी 138-रेगुलर कोर्स के रहे, जिनमें से 107 डायरेक्ट एंट्री, 279 एक्स एनडीए और 39 एक्स एसीसी वाले कैडेट्स शामिल रहे। इसके साथ ही 140 कैडेट्स 121-टेक्निकल ग्रेजुएट कोर्स के पासआउट हुए। 45 विदेशी कैडेट्स भी 138-रेगुलर कोर्स के पासआउट हुए।
कड़ी रही सुरक्षा व्यवस्था
पासिंग आउट परेड को लेकर शनिवार को पूरा आईएमए क्षेत्र कड़ी सुरक्षा निगरानी में रहा। सुरक्षा व्यवस्था की कमान मौके पर एक सीओ स्तर के अफसर संभाले हुए थे। इसके अलावा एक एलआईयू इंस्पेक्टर, तीन इंस्पेक्टर, छह थानाध्यक्ष, 27 सब इंस्पेक्टर, चार सहायक दरोगा, 71 सिपाही और ट्रैफिक पुलिस के 17 सिपाही सहित पीएसी को भी तैनात किया गया था। परेड के दौरान पंडितवाड़ी से प्रेमनगर तक जीरो जोन बनाया गया था और वाहनों का रूट डायवर्ट किया गया था। देहरादून-विकासनगर मार्ग पर यातायात आठ घंटे डायवर्ट रहा। डायवर्जन सुबह पांच बजे से दोपहर एक बजे तक लागू रहा।
उत्तराखंड के राजेंद्र को स्वार्ड ऑफ ऑनर
लेफ्टीनेंट जनरल सरथ चंद्र ने परेड के बाद कैडेट्स को ओवर ऑल बेस्ट पर फॉरमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। उत्तराखंड के राजेंद्र सिंह बिष्ट को स्वार्ड ऑफ ऑनर प्रदान की गई। अमन ढाका को स्वर्ण और एन दिनेश कुमार को रजत पदक मिला। राजेंद्र सिंह बिष्ट को कांस्य पदक प्रदान किया गया, जबकि अभिजीत चौधरी ने सिल्वर मेडल (टीजी) ने हासिल किया। भूटान के चौकी दोरजी सर्वश्रेष्ठ विदेशी कैडेट चुने गए। चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बैनर इंफाल कंपनी को मिला।
भारत की सीमाएं जांबाजों के हाथों में पूरी तरह महफूज : सरथ चंद
पासिंग आउट परेड में बतौर रिव्यूइंग ऑफिसर शरीक हुए दक्षिण पश्चिमी कमान के प्रमुख ले. जनरल सरथ चंद ने नव सैन्य अफसरों को सैन्य क्षेत्र में हो रहे बदलाव से रूबरू कराया। उन्होंने कहा कि यह दौर तकनीक का है। युद्ध में तकनीक के प्रयोग पर जोर दिया जा रहा है। विभिन्न देशों की सेनाएं घातक हथियारों से हैं। इससे भारतीय सेना की चुनौतियां भी बढ़ी हैं, लेकिन सेना पूरी तरह से तैयार है।