श्री रेणुका जी (अंजु अग्रवाल): रेणुका बांध जनसंघर्ष समिति का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को प्रदेश वन विभाग के पीसीसीएफ वासुदेवा से बांध कार्यालय में मिले। विस्थापितों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। प्रधान अरण्यपाल ने विस्थापितों को आश्वासन देते हुए कहा कि बांध निर्माण से विस्थापित होने वाले परिवारों को उनका हक मिलने के उपरांत ही बांध निर्माण कार्य आरंभ किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बांध संबंधित जानकारी के अलावा विस्थापितों को मिलने वाली सुविधाओं को इंटरनेट पर डाला जाए, ताकि उसमें पारदर्शिता लाई जा सके। बांध स्थल का दौरा करने के उपरांत एकत्रित साक्ष्यों को यह कमेटी एनजीटी के समक्ष प्रस्तुत करेगी। जिसके उपरांत बांध निर्माण में उत्पन्न अटकलें समाप्त होने की उम्मीद जगी है। गौर हो कि दो दशक से अधिक समय से निर्माणाधीन परियोजना जिसमें विस्थापित होने वाले परिवार धारा-17/4 लगाने के उपरांत मुआवजे की इंतजार में है। जिन विस्थापितों को मुआवजे की राशि मिल चुकी है, वह इस असमंजस में है कि बांध प्रबंधन उन्हें कहा पर जमीन मुहैया करवाएगा।
इतने लंबे समय के उपरांत बांध प्रबंधन विस्थापितों के लिए कृषि योग्य भूमि खरीदने मे नाकाम रहा है, जो जमीन खरीदी गई है वह अभी तक विवादों में घिरी है। जिसकी सर्तकता विभाग पिछले लंबे समय से गहन जांच पड़ताल मे जुटा है। इस दौरान संघर्ष समिति प्रतिनिधिमंडल मे योगेंद्र कपिला, संजय चौहान, वरूण शर्मा, पूर्ण चंद, कुलानंद, मेला राम व मोहन पाल आजाद शामिल थे।