शिमला, 17 अक्टूबर : हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 12 नवम्बर को होने वाले मतदान के लिए भाजपा अभी तक उम्मीदवार तय नहीं कर पाई है। टिकट के लिए रस्साकशी में लगे दावेदार कोई मौका गंवाने के फेर में नहीं हैं। प्रदेश की सत्ता पर दोबारा काबिज होने की कवायद में जुटी भाजपा हर सीट पर उम्मीदवार तय करने में काफी मंथन कर रही है। भाजपा हाईकमान की तरफ से कई सिटिंग विधायकों के टिकट कटने के संकेत मिलने के बाद दावेदारों में कुछ ज्यादा ही उथल-पुथल है।
पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि एंटी इनकंबेसी को कम करने के लिए अधिकांश सीटों पर नए चेहरे मैदान में उतारे जा सकते हैं। भाजपा के गढ़ शिमला शहरी सीट पर कदावर नेता सुरेश भारद्वाज मौजूदा विधायक हैं। वह जयराम सरकार में वरिष्ठ मंत्री भी हैं। सुरेश भारद्वाज लगातार तीन बार इस सीट से चुनाव जीत चुके हैं। इस बार उन्हें अपने ही नेताओं से कड़ी टक्कर मिल रही है।
दरअसल शिमला शहर से भाजपा की टिकट के दावेदारों में पूर्व में प्रत्याशी रहे हिमफेड के अध्यक्ष गणेश दत्त, प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष संजय सूद, युवा नेता कर्ण नन्दा और पूर्व मेयर कुसुम सदरेट शामिल हैं। अगर भाजपा ने टिकट आबंटन में आयु को लेकर कोई फार्मूला निकाला, तो सुरेश भारद्वाज का पत्ता कट सकता है। सुरेश भारद्वाज 70 वर्ष पार कर चुके हैं। इसी साल उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड के विस चुनाव में भाजपा ने उम्रदराज नेताओं को टिकट देने से परहेज़ किया था और काफी युवाओं को उम्मीदवार बनाया था। इस रणनीति पर भाजपा को दोनों राज्यों में शानदार कामयाबी मिली थी।
युवा नेता के तौर पर कर्ण नन्दा शिमला शहर में काफी सक्रिय हैं। वर्तमान में वह प्रदेश भाजपा के सह मीडिया प्रभारी हैं और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के करीबी माने जाते हैं। भाजपा संगठन में उनके काम को काफी सराहा जाता है। अन्य दावेदारों में गणेश दत्त वर्ष 2003 का विस चुनाव लड़ चुके हैं, लेकिन उन्हें शिकस्त मिली थी। प्रदेश भाजपा कोषाध्यक्ष संजय सूद तीन दशक से अधिक समय से संगठन में सेवारत हैं। वहीं महिला कोटे से उम्मीदवार के तौर पर भाजपा कुसुम सदरेट के नाम पर विचार कर सकती है।