बिलासपुर, 10 अक्टूबर : सोमवार सुबह उपमंडल स्वारघाट के तहत ग्राम पंचायत तन्बौल में आवारा सांड के हमले से दो लोग बुरी तरह से घायल हो गए। दोनों घायलों को 108 एम्बुलेंस में सीएचसी स्वारघाट पहुंचाया गया। घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे लोग जब यहां पहुंचे तो देखा कि यहां पर ताले लटके हुए थे।
दोनों घायलों को इलाज के लिए करीब एक घंटे तक अस्पताल खुलने का इन्तजार करना पड़ा। गम्भीर रूप से घायल रोशन लाल को नालागढ़ रैफर किया गया है, जबकि दूसरे घायल व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई है। हैरानी की बात यह है कि यह वही अस्पताल है, जिसका केन्द्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर ने दो दिन पहले ही उद्घाटन किया था। उद्घाटन तो कर दिया गया लेकिन स्टाफ के अभाव में यहां इमरजेंसी में 24 घंटे सुविधा नहीं मिल पाती। ऐसे में सवाल यह उठ रहे है कि यदि स्टाफ नहीं था तो उद्घाटन क्यों किया गया।
उधर, अस्पताल के अंदर की तस्वीरों ने भी सवालिया निशान खड़े कर दिए है। अस्पताल के उद्घाटन को केवल दो दिन ही हुए है, लेकिन दीवारों का पेंट भी उखड़ना शुरू हो गया है। लिहजा गुणवत्ता पर भी सवाल उठ रहे है। लोगों का कहना है कि मंत्री ने अफरा-तफरी में उद्घाटन तो कर लिया, लेकिन यहां मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है।
आवारा सांड के हमले से घायलों की पहचान रोशन लाल पुत्र पोहथी राम निवासी नालागढ़ व जगरनाथ शर्मा निवासी श्री नैना देवी जिला बिलासपुर के रूप में हुई है। घायल जगरनाथ शर्मा ने बताया कि सुबह करीब 7 बजे जब वह दोनों नलके से पानी भरने के लिए गए। इसी दौरान तीन आवारा सांड दौड़ते हुए उनकी तरफ आए, जिनमें से एक सांड ने रोशन लाल को उसकी जांघ से उठाकर फेंक दिया। उन्होंने बताया कि वह जब अस्पताल पहुंचे तो यहां ताले लटके हुए थे।