मंडी (वी कुमार): पंचायत प्रतिनिधि जहां आम जनता के नुमाइंदें होते हैं और लोगों के हकों की लड़ाई को लड़ते हैं, वहीं हिमाचल प्रदेश में पंचायत राज के प्रतिनिधि आज अपने हकों की लड़ाई के लिए सडकों पर उतरने के लिए मजबूर हो गए हैं। इसी के चलते अब इस लडाई में राजीव गांधी पंचायती राज संगठन ने भी अपना सहयोग दिया है। मंडी में शनिवार को गांधी भवन में पंचायती राज संगठन की जिला इकाई की बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक की अध्यक्षता राजीव गांधी पंचायती राज संगठन के प्रदेश संयोजक दीपक राठौर ने की। बैठक में केंद्र सरकार की नीतियों की निंदा की गई और आगामी कार्यक्रम की रूपरेखा भी तैयार की गई। बैठक में मंडी जिला के राजीव गांधी पंचायतीराज संगठन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भाग लिया। बैठक के बाद संगठन के सदस्यों ने उपायुक्त कार्यालय के परिसर तक रैली निकाली और केंद्र की उस निती के खिलाफ नारेबाजी की। इसके तहत बीडीसी और जिला परिषदों की शक्तियों को समाप्त कर दिया गया है।
संगठन के सदस्यों ने भारत के राष्ट्रपति को एक ज्ञापन भेजा और मांग उठाई की पंचायती राज के थ्री टायर सिस्टम को पहले की ही तरह चलाया जाए। इनका मानना है कि पंचायत प्रतिनिधियों से वित्तिय शक्तियों को छीन कर केंद्र सरकार ने जनता के इन चुने हुए प्रतिनिधियों के साथ सौतेला व्यवहार किया है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। संगठन ने चेताया कि अगर केंद्र की सरकार मांगों पर गौर नहीं करती है तो आने वाले समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा और प्रदेश के सभी 12 जिलों में सरकार के इस फैसले के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।