मंडी, 02 अक्टूबर : हिमाचल प्रदेश में कार्यरत आंगनबाड़ी कर्मचारी 10 अक्तूबर को तो मजदूर 12 अक्तूबर को प्रदेश सरकार के खिलाफ हल्ला बोलने सड़कों पर उतरेंगे। यह निर्णय सीटू के 14वें राज्य सम्मेलन के दौरान लिया गया। सीटू को यह दो दिवसीय सम्मेलन मंडी में रविवार को संपन्न हुआ।
सम्मेलन की अध्यक्षता सीटू के राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मैहरा ने की। उन्होंने कहा कि प्री-प्राइमरी से आंगनबाड़ी कर्मचारियों को सरकार ने बाहर कर दिया है, जबकि 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनबाड़ी में ही पढ़ाया जाता है। इसी के विरोध में प्रदेश भर की आंगनबाड़ी कर्मचारी 10 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में जिला व उपमंडल स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरेंगी। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार मजदूरों और मनरेगा मजदूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर करने की साजिश रच रही है।
इसी के विरोध में 12 अक्तूबर को प्रदेश, जिला और उपमंडल स्तर पर मजदूरों के हक में आवाज बुलंद की जाएगी और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। विजेंद्र मैहरा ने बताया कि केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को 4 लेबर कोडों में बदल दिया है। ये लेबर कोड मजदूरों को बंधुआ स्थिति की तरफ ले जाएंगे। 8 घंटों का काम 12 घंटों में तब्दील हो जाएगा, जिससे मजदूरों की स्थिति और भी दयनीय हो जाएगी। इसी के विरोध में सीटू ने राष्ट्रीय स्तर पर आगामी बजट सत्र के दौरान विशाल धरना प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
यह धरना प्रदर्शन संसद के बाहर होगा और इसमें देशभर के करीब 5 लाख मजदूर भाग लेंगे। राज्य सम्मेलन के दौरान सीटू की 55 सदसीय राज्य कमेटी का चयन भी किया गया। वहीं, 18 से 22 जनवरी 2023 में बेंगलुरु में होने वाले राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए 11 सदस्यीय कमेटी का चयन भी किया गया।