नाहन – सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत कोई भी व्यक्ति किसी भी सरकारी विभाग से जनहित में सूचना प्राप्त कर सकता है। यह जानकारी एसडीएम ज्योति राणा ने सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत स्थानीय बचत भवन में सरकारी व गैर-सरकारी समितियों के सदस्यों, कॉलेजों के विद्यार्थियों, महिला मंडलों तथा पंचायत प्रतिनिधियों की एक दिवसीय कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि आरटीआई के क्रियान्वयन से जहां प्रशासन में पारदर्शिता तथा जवाबदेही सुनिश्चित हुई हैए वहीं काफी हद तक भ्रष्टाचार परभ्भी अंकुश लगा है। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के प्रयोग बारे लोगों का रवैया सकारात्मक होना चाहिए। ज्योति राणा ने बताया कि भारतवर्ष में 5 हजार से अधिक कानून बनाए गए हैं लेकिन आरटीआई कानून अपने आप में छोटा होने के बावजूद अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्कूल व कॉलेजों के विद्यार्थी आरटीआई के तहत अपनी उत्तरपुस्तिका की प्रति संबंधित संस्थान से प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि निर्माण कार्यों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लोग अपने अधिकार का प्रयोग करके सूचना प्राप्त कर कार्रवाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सामान्य श्रेणी के प्रार्थी आरटीआई के तहत जानकारी प्राप्त करने के लिए 10 रूपये की शुल्क राशि के पोस्टल ऑर्डर के साथ निर्धारित प्रपत्र पर आवेदन कर सकता है जबकि आईआरडीपी, बीपीएल परिवारों को अधिनियम के तहत नि:शुल्क सूचना उपलब्ध करवाई जाती है। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग के जन सूचना अधिकारी निर्धारित समयावधि के भीतर प्रार्थी को सूचना प्रदान करने के लिए बाध्य है। उन्होंने खेद व्यक्त किया कि कुछ लोग आपसी रंजिश के कारण इस अधिनियम का दुरूपयोग कर रहे हैं जिससे कार्यालयों का समय तथा धन की बर्बादी हो रही है। इस एक दिवसीय कार्यशाला में लोकपाल मनरेगा जे0सी0 शर्मा, तहसीलदार के0एल0 लालटा,अधिकारियों ने उपस्थित प्रतिभागियों के साथ आरटीआई अधिनियम के बारे में विस्तार से चर्चा की।
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