शिमला, 03 सितंबर : सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देने का मामला सुलझने के बजाय उलझता हुआ ज्यादा नजर आ रहा है। एक तरफ जहां भाजपा जनजातीय दर्जा देने का दावा कर रही है। वहीं दूसरी तरफ कुछ भाजपा नेता जनजातीय दर्जा न देने की मांग भी उठा रहे है। जिसको लेकर हाटी विकास मंच के मुख्य प्रवक्ता डॉ. रमेश सिंगटा ने भाजपा के बड़े नेता को बताया कि हाटी के हितों की राह में रोड़ा अटकाने वालों की अब खैर नहीं होगी। गिरिपार के समाज में जातिवादी जहर उगलने वालों को सख्त चेतावनी दी है कि अगर वह नहीं सुधरे तो फिर पैदा होने वाली परिस्थितियों के लिए खुद जिम्मेदार होंगे।
हाटी विकास मंच के मुख्य प्रवक्ता डॉ. रमेश सिंगटा, अध्यक्ष प्रदीप सिंगटा और रेणुका के पूर्व विधायक हिरदाराम पर कई सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब उन्होंने विधायक बनना था, तब हाटी के हितों की पैरवी की। लेकिन अब अपनी पेंशन मिल रही है तो हाटियों को टेंशन दे रहे हैं। समुदाय को जनजातीय दर्जा दिलाने की राह में सबसे बड़ा रोड़ा अटका रहे हैं।
उन्होंने सत्ताधारी दल के एक बड़े नेता को भी चेतावनी दी कि वह भी अपने आचरण में सुधार करें। हाटी विरोधी रवैया छोड़े और उनके पक्ष की बातें करें क्योंकि भाजपा ने ही अपने घोषणापत्र में हाटी को एसटी का दर्जा दिलाने का वादा किया है। भाजपा का कोई भी नेता अगर हाटी का विरोध करता है, तो वह मिशन रिपीट में सबसे बड़ा बाधक बनेगा। सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र को जनजातीय दर्जा मिलने पर किसी के भी अधिकारों का हनन नहीं होगा।
वहीं, दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी ने भी हाटी को जनजातीय दर्जा मिलने में देरी, लेकिन भाजपा को आड़े हाथों लिया है। कांग्रेस प्रवक्ता जीएस तोमर ने कहा कि भाजपा हाटी समुदाय को जनजातीय दर्जा देने के मामले को लटकाने में लगा है। भाजपा सरकार लोगों को गुमराह करने में लगी है।
वास्तविकता में भाजपा गिरी पार्क क्षेत्र को जनजातीय दर्जा देना ही नहीं चाह रही। एक तरफ भाजपा सरकार कह रही है कि जनजातीय दर्जे को लेकर सरकार कभी भी घोषणा कर सकती है, जबकि दूसरी तरफ लंबे अरसे से मामले को लटकाया जा रहा है। जिसका आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी नुकसान उठाना होगा। लोग अब भाजपा के झूठे आश्वासनों में आने वाले नहीं है।