रिकांगपिओ (जेएस नेगी): सीटू के बैनर तले शोंगठोंग-करछम परियोजना के सैंकड़ों कामगारों ने मगंलवार को रिकांगपिओ में न्याय यात्रा रैली निकाल कर कंपनी प्रबधन, सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। न्याय रैली मुख्य बाजार, सरकारी कालोनी, सब्जी मोहल्ला होते हुए रिकांगपिओ चौक पहुंची। सीटू राज्य अध्यक्ष जगत राम ने कहा कि शोंगठोंग-करछम परियोजना के कामगार पिछले 62 दिनों से अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं।
आंदोलनरत कामगारों का कहना था कि प्रदेश सरकार की जिम्मेदारी है कि जहां भी मालिक-मजदूर के बीच विवाद हो, उसका समाधान करे। मगर चिंता की बात है कि सरकार समझौता करने मे असफल रही है। असफल ही नहीं बल्कि समझोता करने में बड़ी बाधा बनी हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार जनता की न होकर ठेकेदार व कंपनी का साथ दे रही है। सरकार नहीं चाहती है कि शोगंठोग परियोजना में कार्यरत कामगारों की मांग पूरी हो। उन्होंने कहा कि कामगारों की मांग इतनी बड़ी भी नहीं है कि 62 दिनों से श्रम कानून को लागू करने के लिए आंदोलन करना पड़े।
उन्होंने कहा कि आज भी पटेल कंपनी के स्थाई कामगारों को पिछले पांच माह से वेेतन नहीं मिल रहा है। सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिल रहा है। इसी कारण ही कामगारों ने 14 मार्च को समय पर वेतन देने, सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन, श्रम कानून लागू करने, कामगारों का ईपीएफ काटने की मांग की, सरकार को चाहिए था श्रम कानून के तहत कामगारों को मिलने वाली सभी सुविधाएं लागू करवाती, मगर सरकार बड़े-बड़े कंपनी व ठेकेदारों का साथ दे रही है। उन्होंने कहा कि इसी के विरोध में मंगलवार को रिकांगपिओ में न्याय यात्रा निकाली है।
कामगारों ने कहा कि शोगंठोग परियोजना सरकार की है इसमें जनता का पैसा लगा है। इसलिए सरकार अपना अडियल रवैया छोड़ कर कामगारों की मांग को पूरा करे। उन्होंने कहा कि अगर मांगें पूरी नहीं होती हैं तो आंदोलन को ओर तेज किया जाएगा। आंदोलन किन्नौर मे सीमित न कर पूरे प्रदेश स्तर पर चलाया जाएगा। इस अवसर पर यूनियन के कई नेताओं ने भी विचार रखे।
उधर करछम-वागंतू यूनियन के अध्यक्ष जीवन नेगी ने प्रेस ब्यान जारी कर कहा कि यूनियन शोंगंठोग परियोजना के कामगारों के आंदोलन का समर्थन करती है। कामगारों की मांग पूरी नहीं होती है तो करछम-वागंतू यूनियन भी शोंगठोंग परियोजना के कामगारों के समर्थन में सडक़ों पर उतरेगी।