शिमला, 23 अगस्त : बीते दो वर्षों में सोलन -पीरन-ठूंड बस सेवा को 12 बार बंद करना आगामी चुनाव में सरकार को भारी पड़ सकता है। सरकार बस चलाने के आदेश करती है और अफसर बस को चार पांच दिन चलाने के बाद बंद कर देते हैं। ये भी कहा जा सकता है कि सरकार के आदेश क्षेत्रीय प्रबंधक सोलन के लिए कोई मायने नहीं रखते हैं।
बता दें कि एचआरटीसी सोलन द्वारा बार-बार बस सेवा को बंद करने से लोगों में वर्तमान सरकार के प्रति गहरी नाराजगी देखी गई है। पीरन व सतलाई पंचायत के लोगों ने इसका जवाब आगामी विधानसभा चुनाव में देने का मन बना लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा 05 जनवरी,1995 को नारिगा में गिरिनदी पर पुल का उद्घाटन करने के साथ साथ इस बस सेवा सोलन से आरंभ किया गया था। करीब 27 वर्षों से चल रही बस सेवा को बंद करना तर्क संगत नहीं है।
पीरन पंचायत के पूर्व प्रधान दयाराम वर्मा, दौलत राम वर्मा, परमानंद ठाकुर, जबर सिंह ठाकुर, लायक राम वर्मा जीत राम शर्मा सहित अनेक लोगों ने संयुक्त बयान में बताया कि एचआरटीसी के अधिकारी सरकार को जानबूझकर फेल करना चाहते है। इस बारे क्षेत्र के लोग अनेकों बार सरकार के मंत्रियों व उच्चाधिकारियों से मिल चुके है। कोरोना काल में यह बस सेवा बंद हुई थी। इसके बाद से एचआरटीसी सोलन द्वारा 12 बार इस बस सेवा बंद किया जा चुका है।
बता दें पीरन मशोबरा ब्लाॅक की अंतिम छोर की पंचायत है, जिसकी मार्किट सोलन है। किसान अपने उत्पाद बेचने तथा अपने रोजमर्रा का सामान सोलन से लाते हैं। इस बस बंद होने से दो पंचायतों पीरन व सतलाई के सैंकड़ों लोग प्रभावित हुई हैं। क्षेत्र के लोगों को सीमा पर लगते सिरमौर जिला के जघेड़ तक जाने के लिए मात्र सात से दस किलोमीटर सफर का निजी गाड़ी में न्यूनतम पांच सौ रुपए अदा करना पड़ रहा था।
क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी सोलन शुगल सिंह ने बताया कि बीते कुछ दिनों से बसें हिमाचल प्रदेश के 75 वर्ष पूरे होने पर आयोजित रैलियों में लगी है, जिस कारण बंद की गई है ।