शिमला, 19 अगस्त : हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस एवं भाजपा दोनों मुख्य दलों में शह-मात का खेल जारी है। दोनों दल एक- दूसरे पर हमलावर हैं। दल बदल का सियासी खेल खूब देखने को मिल रहा है। जुब्बल कोटखाई के उपचुनाव में टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़े चेतन बरागटा साल के भीतर ही घर वापिस लौट आए हैं।
भाजपा में घर वापसी के बाद चेतन ने आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के सरकारी आवास ओक ओवर में अपने समर्थकों सहित शक्ति प्रदर्शन किया। ढोल नगाड़ों सहित मुख्यमंत्री आवास में पहुंचे चेतन बरागटा के साथ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व शहरी विकास मंत्री ने नाटी भी डाली।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि चेतन भाजपा से बिछड़ गए थे। अब दोबारा मिल गए है। इससे भाजपा मजबूत होगी साथ ही जुब्बल कोटखाई में भी भाजपा को बल मिलेगा। चेतन भाजपा में काम करते रहे है, उनके आने से एकजुट होकर आगे बढ़ा जाएगा। लोक सेवा आयोग की शपथ टलने के सवाल को मुख्यमंत्री ये कह कर टाल गए कि जल्द ही प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। कांग्रेस के हमलों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्तियां कांग्रेस को पूछ कर नहीं की जाएंगी।
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कांग्रेस के पवन काजल व लखविंदर सिंह के भाजपा में जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा की कांग्रेस पार्टी डूबता जहाज है, जिससे हर कोई निकलना चाह रहा है। दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पर कार्यवाही को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा की जो गड़बड़ दिल्ली में हुई है उसकी जांच हो रही है। आम आदमी पार्टी का असली चेहरा बेनक़ाब हो गया है।
उधर चेतन बरागटा ने कहा कि वह कुछ समय के लिए पार्टी से अलग थे। जुब्बल नावर कोटखाई में बीजेपी का अपना जनाधार है। कांग्रेस विधायक ने वहां कोई भी नया काम नहीं किया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर व स्वर्गीय नरेंद्र बरागटा के कामों का श्रेय लेने का प्रयास किया जा रहा है। चुनाव लड़ने के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। हर कोई चुनाव लड़ना चाहता है, पार्टी जो भी निर्णय करेगी वह उसे स्वीकार करेंगे।