शिमला, 24 जून : इस बात में कोई दो राय नहीं हैं कि बेरोजगारी के दौर में युवाओं में सरकारी नौकरी पाने की होड़ लगी हुई हैं। हर कोई सरकारी नौकरी हासिल करने की लालसा पाले है। फिर वो नौकरी उच्च अधिकारी के पद की हो या चपरासी की। जबकि हिमाचल में बेरोजगारों के लिए मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना जैसे विकल्प भी मौजूद हैं, जिनसे वो एक कामयाब उद्यमी बनकर रोजगार दाता भी बन सकते हैं।
पढ़े-लिखे युवाओं के लिए बेरोजगारी इतनी गंभीर समस्या बन गई हैं कि चपरासी की नौकरी के लिए भी एक से बढ़कर एक पढ़े-लिखे युवा आवेदन कर रहे हैं।
आप ये जानकर हैरान हो जायेंगे कि एक मेधावी छात्र ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में चपरासी के पद की भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन किया है। आवेदनकर्ता ने दसवीं की परीक्षा में 96.85 फीसदी/सीजीपीए अंक हासिल किए थे। विश्वविद्यालय द्वारा जारी श्रेणीवार मैरिट सूची में इस बात का खुलासा हुआ।
बेरोजगारी है या कोई मज़बूरी ये तो खुद अभ्यर्थी ही बता सकता हैं, लेकिन सूची को देखकर हर कोई हैरान हैं। बेरोजगारी समस्या हैं या इसे पैदा कर दिया गया है, इसका अंदाजा मैरिट सूची को देखकर लगाया जा सकता है।बता दें कि विवि ने पद के लिए तय की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता दसवीं रखी गई हैं। दसवीं में प्राप्तांक के आधार पर मैरिट तैयार तैयार की गई हैं। अभ्यर्थियों को 25 जून तक का समय दिया गया है।
उधर, मैरिट के अनुसार सामान्य अनारक्षित श्रेणी में दसवीं में मैरिट में 96.85 फीसदी, एससी (अनारक्षित) श्रेणी में 95.97 फीसदी, एसटी (अनारक्षित) श्रेणी में प्राप्तांक 88.46 फीसदी तक रहा है।
Input Credit: अमर उजाला