शिमला, 22 जून : पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में एक जुलाई 2022 से सिंगल यूज प्लास्टिक (Single Use Palstic) पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसको लेकर राज्य सरकार ने काफी अरसा पहले अधिसूचना जारी कर दी थी। राज्य के पर्यावरणविद इस बात को लेकर संशय जाहिर कर रहे हैं कि एक जुलाई को सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध महज एक छलावा होगा।
इसमें सबसे बड़ी चुनौती नाॅन वोवन कैरी बैगस को लेकर आ सकती है। 60 जीएसएम से नीचे के कैरी बैग सिंगल यूज प्लास्टिक की श्रेणी में आते हैं। इसको लेकर पहले भी सवाल उठते रहे हैं। राज्य सरकार इस पर भी प्रतिबंध होने की बात करती रही है, लेकिन खुलेआम इनका चयन बढ़ता जा रहा है।
हैरान कर देने वाली बात ये है कि नाॅन वोवन कैरी बैगस का उत्पादन हिमाचल में ही हो रहा है। बता दें कि इसका उत्पादन प्लास्टिक से ही होता है। ऐसे में सवाल उठता है कि एक जुलाई से लगने वाले प्रतिबंध को सरकार सही मायनों में धरातल पर कैसे उतारेगी।
हिमाचल प्रदेश नाॅन बाॅयोडिग्रेबेल एक्ट 2005 (Himachal Pradesh Non Biodegradable Act 2005) के मुताबिक पाॅली प्रोपलीन से बनी वस्तुओं का इस्तेमाल पूर्णतः प्रतिबंधित है। अब देखना ये है कि हिमाचल सरकार 60 जीएसएम (GSM) से नीचे बने नाॅन वोवन बैगस को स्वीकृति देगी या नहीं।
हिमाचल के अधिकांश इलाकों में नाॅन वोवन कैरी बैग के अलावा प्लास्टिक का इस्तेमाल सरेआम हो रहा है। राज्य सरकार ने इस्तेमाल पर चालान करने के लिए 19 विभागों को अधिकृत किया हुआ है। आप ही तय करें कि क्या आपने इन 19 विभागों को कभी नाॅन वोवन कैरी बैग व प्लास्टिक के इस्तेमाल पर चालान करते देखा है या नहीं।
दीगर है कि राज्य में इको फ्रेंडली कैरी बैग के अलावा अन्य उत्पादों की प्रोडक्शन भी की जा रही है। लेकिन हैरान कर देने वाली बात ये है कि सरकार ने इन उद्योगों को प्रोत्साहित करने को लेकर कोई कारगर कदम नहीं उठाए हैं, जबकि इसके विपरीत नाॅन वोवन कैरी बैग बनाने वालों को इंडस्ट्रियल पैकेज के तहत सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।
राज्य में हरेक जिला का प्रशासन प्रेस विज्ञप्तियां जारी कर ये दलीलें तो दे चुका है कि 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, लेकिन सरकार के इस निर्णय को धरातल पर क्रियान्वित करने के लिए क्या रूपरेखा तैयार की गई है, इसकी जानकारी किसी को नहीं है।
उधर, सिरमौर के प्रदूषण नियंत्रण कंट्रोल बोर्ड के अधिशाषी अभियंता पवन शर्मा का कहना था कि फिलहाल एक जुलाई से हो रहे प्रतिबंध को लेकर जागरूकता की जा रही है। नाॅन वोवन कैरी बैगस को लेकर भी उचित कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बायोडिग्रेडेबल कंपोस्ट बैग का उत्पादन करने वाली इकाईयों को प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सिरमौर में दो इकाईयां कंपोस्टेबल बाॅयो डिग्रेडेबल कैरी बैग (Compostable Bio Degradable Carry Bag) पिछले तीन वर्षों से बना रही हैं, जो सीपीसीबी (Central Pollution Control Board) के द्वारा अधिकृत हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक की शिकायत कोई भी व्यक्ति SUP-CPCB डाउनलोड कर शिकायत कर सकता है। इसमें सजा व जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।
इन पर लगेगा प्रतिबंध…
सिंगल यूज प्लास्टिक की कैटेगरी में ग्लास, प्लेटस, स्ट्राॅ, चम्मच, ईयर बर्डस, आइस्क्रीम स्टिक, फ्लैग स्टिक, नॉन वोवन कैरी बैग इत्यादि शामिल हैं।