मंडी, 06 मई : हिमाचल के जंगलों में अनेक प्राकृतिक फल पाए जाते हैं जो हमें स्वाद के साथ-साथ औषधीय गुणों का भी लाभ देते हैं। इन फलों के पकने का समय भी अलग अलग होता है। हिमाचल के मंडी जिला में मई के महीने में जंगलों में ऐसा फल पककर तैयार होता है जिसका नाम काफल है।
यह फल मधुमेह, हृदय चाप व पेट की कई बीमारियों को दूर करने में लाभकारी भी है। जंगली फल काफल अब मंडी शहर में पहुंचना शुरू हो गया है। काफल के औषधीय गुणों के बारे में जानकारी देते हुए आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. ओमराज ने बताया कि काफल में कैल्शियम, जिंक, फास्फोरस पाया जाता है जो शरीर के लिए बहुत ही लाभकारी है। उन्होंने बताया कि काफल पेट की जलन, गर्मी व डायरिया के लिए बहुत लाभकारी है।
वहीं, काफल गर्मी के दिनों में शरीर के इलेक्ट्रोलाइट को बनाए रखता है। बाजार में काफल 200 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। काफल विक्रेताओं का कहना है कि वे हर वर्ष काफल लेकर शहरों में पहुंचते हैं। विक्रेताओं का कहना है कि 1 महीने तक काफल का सीजन चलता है और कई परिवारों की रोजी-रोटी भी इससे जुड़ी होती है। वहीं चंडीगढ़ से मंडी घूमने आए पर्यटक भूपेंद्र नागपाल ने मंडी शहर में काफल का स्वाद चखकर कहा कि उन्होंने पहली बार यह फल खाया है और यह बहुत ही स्वादिष्ट है।
बता दें कि मंडी जिला के कटौला, गोहर, मोवीसेरी, तुंगलघाटी, चौहारघाटी व अन्य पहाड़ी क्षेत्रों के जंगलों में काफल की पैदावार होती है। मंडी जिला से हर वर्ष भारी मात्रा में प्रदेश के अन्य जिलों में काफल फल की खेप पहुंचती है।