मंडी, 04 मई : जोनल अस्पताल (Zonal Hospital) के शौचालय की पानी की केनी में नवजात शिशु के शव (newborn baby carcass) की बरामदगी की घटना में नया मोड़ आया है। शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि फैंकने से पहले शिशु की सांस चल रही थी। लिहाजा मासूम की मौत डूबने से हो गई।
हालांकि पुलिस ने इस मामले में हत्या की धारा को शामिल नहीं किया है, लेकिन पोस्टमार्टम की आधिकारिक रिपोर्ट मिलने के बाद आईपीसी की धारा-302 के तहत कार्रवाई की जाएगी। आईपीसी की धारा 120 बी को शामिल करने की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता। बता दें कि फ़िलहाल पुलिस ने इस मामले में आईपीसी की धारा 317 व 318 के तहत मामला दर्ज़ किया हुआ है।
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पुलिस ने शक के आधार पर एक नाबालिग (Minor) सहित दो महिलाओं से पूछताछ की है। हालांकि नाबालिग और महिलाओं ने पुलिस के समक्ष वारदात में संलिप्तता से इंकार किया है। लेकिन पुलिस भी गहनता से जांच में जुटी हुई है।
वैज्ञानिक तौर पर प्रमाणित करने के लिए पुलिस ने नाबालिग लड़की का डीएनए सैंपल (DNA Sample) जांच के लिए भेजा है। यदि डीएनए सैंपल मरने वाले नवजात से मैच हुआ तो फिर महिलाओं के खिलाफ आगामी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उधर नवजात की मौत की पोस्टमार्टम (Autopsy) की प्रारंभिक रिपोर्ट भी पुलिस को प्राप्त हुई है, जिसमें बच्चे की मौत की वजह डूबना बताया गया है। यह अलग बात है कि पोस्टमार्टम की फाइनल रिपोर्ट आना बाकी है।
एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि मामले में एक नाबालिग सहित दो महिलाओं को पूछताछ के लिए तलब किया गया था। नाबालिग का सैंपल डीएनए जांच के लिए भेजा गया है। रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
शौचालय में ही नवजात को जन्म देने के बाद…
फ़िलहाल पुलिस को सबूतों की तलाश है, घटना से जुड़े लोग सच नहीं बोल रहे है, लेकिन हास्पिटल की सीसीटीवी फुटेज (CCTV Footage) राज खोल सकती है। पुलिस अनुमान लगा रही है कि नाबालिग को अस्पताल के शौचालय में लाया गया होगा। इसके बाद शौचालय में ही प्रसव करवाकर बच्चे को पानी की कैन में डालकर मौत के घाट उतार दिया गया होगा। रात को हुई इस घटना का पता अगली सुबह चला था।