शिमला, 2 मई : हिमाचल प्रदेश कैडर (Himachal Cadre) के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी (Retd. IAS) तरुण कपूर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सलाहकार नियुक्त किया गया है। 1987 बैच के आईएएस अधिकारी ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति (central deputation) के दौरान पैट्रोलियम सचिव (petroleum secretary) के तौर पर भी सेवाएं प्रदान की हैं।
वो 30 नवंबर 2021 को पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय (ministry of petroleum and natural gas) के सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति (appointment committee) ने रिटायर्ड आईएएस अधिकारी को प्रधानमंत्री के सलाहकार (Advisor) के रूप में मंजूरी प्रदान की है। ये नियुक्ति भारत सरकार (Indian government) के सचिव के पद के वेतनमान पर दो साल के लिए की गई है।
केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय (Ministry of Personnel) ने अधिसूचना जारी की है। बता दें कि हिमाचल में अतिरिक्त मुख्य सचिव के पद पर सेवाएं देने के दौरान कपूर ने कई बड़े विभागों में जिम्मेदारियों का बखूबी वहन किया। देश में नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) के क्षेत्र में कपूर का उल्लेखनीय योगदान रहा है।
पिता हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड (Himachal Pradesh State Electricity Board) में सेवारत रहे। प्रधानमंत्री के सलाहकार बने तरुण कपूर हिमाचल में चंबा व शिमला में बतौर उपायुक्त (Deputy Commissioner) सेवाएं दे चुके हैं। शिमला में ही उनकी प्रारंभिक शिक्षा हुई है।
रिटायर्ड आईएएस अधिकारी तरुण कपूर एक ऐसी शख्सियत हैं, जिन्हें मिलने के बाद कोई व्यक्ति ताउम्र नहीं भूलता है। गौरतलब है कि हिमाचल कैडर की आईएएस अधिकारी मीरा मोहंती को भी प्रधानमंत्री कार्यालय में बतौर निदेशक नियुक्ति मिली थी, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है।
हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (Power Corporation Limited) के प्रबंध निदेशक (Managing director) रहने के दौरान तरुण कपूर ने सूबे में विद्युत उत्पादन में तेजी लाने के कई सार्थक प्रयास किए। इसमें श्री रेणुका बांध परियोजना (Renuka Dam Project) भी शामिल है। इस परियोजना की बेसिक वर्किंग तरुण कपूर के एमडी रहने के दौरान ही हुई थी।
गुजरात कैडर के आईएएस अधिकारी डॉ. राजेंद्र शांडिल्य को भी पीएमओ (PMO) में निदेशक के पद पर नियुक्ति मिली थी। मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुजरात के सीएम रहने के दौरान डॉ. शांडिल्य की अफसरशाही में खास पहचान रही है। डॉ. शांडिल्य मूलतः सिरमौर के पच्छाद क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं।