मंडी, 18 अप्रैल : सराज विधानसभा के केलोधार में थरजून पंचायत की पूर्व में प्रधान रहीं जबना चौहान पर झूठे मामले बनाकर उनकी ख्याति को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है, जबकि वास्तविक तौर पर पंचायत का धन संबंधी कार्य किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं किया जाता है। बल्कि पंचायत के सचिव का भी इस कार्य में हाथ होता है। इसलिए मात्र जबना चौहान ही नहीं थरजून पंचायत के सचिव के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जाए और मामले में दूध का दूध व पानी का पानी किया जाए।
यह मांग अखिल भारतीय दलित पिछड़ा अल्पसंख्यक वर्ग परिषद ने मंडी में उठाई। अपनी मांग को लेकर सोमवार को परिषद के पदाधिकारियों ने उपायुक्त मंडी अरिंदम चौधरी के माध्यम से एक मांगपत्र हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल को भेजा। इसके साथी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर परिषद ने एक मांग पत्र अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को भी सौंपा।
परिषद के प्रदेश महासचिव व प्रवक्ता चमन राही ने बताया कि सराज में केवल अनुसूचित जाति के लोगों को अन्य के द्वारा खामखा परेशान करने का कार्य किया जाता है और हर बार बदले की भावना से काम किया जाता है जो कि सही नहीं है। उन्होंने आशंका जताई की थरजून के मौजूदा उप प्रधान और पूर्व में प्रधान रहे व्यक्ति सचिव की देखरेख में लाखों के घोटाले कर रही है। उन्होंने कहा कि जबना दलित है और देश भर में ख्याति प्राप्त है इसी कारण उनके खिलाफ झूठे केस बनाए जा रहे हैं, जोकि सही नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सारा मामला सामान्य वर्ग के लोगों की मिलीभगत से किया गया है। इसके साथ ही परिषद ने राज्यपाल से मांग उठाई है कि मामले में जल्द कार्यवाही की जाए और जो दोषी है उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। वहीं परिषद ने थरजून पंचायत में कई वर्षों से डटे सचिव व मौजूदा उप प्रधान के खिलाफ भी पुलिस विभाग से एफआईआर दर्ज करने की मांग उठाई है। इस दौरान तारा चंद भाटिया, यशवंत सिंह गुलेरिया, हरि चंद आदि मौजूद रहे।