रिकांगपिओ, 09 अप्रैल : जनजातीय जिला किन्नौर के अति संवेदनशील भूस्खलन स्थलों पर अर्ली वार्निंग सिस्टम व लैंड मोनिटरिंग प्रणाली स्थापित करने का कार्य आरंभ कर दिया गया है। उपायुक्त किन्नौर आविद हुसैन सादिक़ ने कहा कि जिले में ऐसे अति सवेदनशील स्थान है, जहाँ पर भूस्खलन का हमेशा खतरा बना रहता है।
जिला प्रशासन द्वारा चिन्हित किया गया है, ऐसे स्थानों पर आईआईटी मंण्डी द्वारा विकसित अर्ली वार्निग सिस्टम पूर्व चेतावनी प्रणाली लगाई जा रही हैं। चेतावनी लगाने से किसी भी प्रकार की भूस्खलन की पूर्व सूचना मिल जाएगी, तथा किसी भी आपदा को समय रहते टाला जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि जिले में प्रथम चरण में ऐसे 6 संवेदनशील स्थान चिन्हित किये गए हैं, जहां पर आईआईटी मंडी के विशेषज्ञ द्वारा यह प्रणाली स्थापित करना आरम्भ कर दी गई। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली के तहत ऐसे संवेदनशील स्थान है , जहां पर भूस्खलन का खतरा होता है। यहाँ पर अलार्म सिस्टम स्थापित किया गया है, जैसे भूगर्भ में कोई हलचल होती है, उसकी सूचना जिला आपदा केंद्र , स्थानीय पंचायत प्रधान व स्थल के साथ लगती सड़क के किनारे लगे खम्बे पर लाल लाइट जलनी व चेतावनी अलार्म बजना आरंभ हो जाता है। जो वाहन चालकों व राहगीरों को भूस्खलन के खतरे से सूचित करेगा।
उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के स्थापित हो जाने से जिले में भूस्खलन से जान माल की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। उल्लेखनीय है गत वर्ष जिले के बटसेरी में भूस्खलन की चपेट में आने से 9 पर्यटकों व नियुगलसरी के निकट 28 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई थी।