शिमला, 8 अप्रैल : हिमाचल प्रदेश में गर्मी के साथ साथ सूखे ने पिछले 14 साल का रेकॉर्ड तोड़ दिया है। मार्च माह में नाममात्र 5.4 फीसदी बारिश ही रिकॉर्ड की गई है। मार्च माह में कम बारिश होने से प्रदेश में सूखे जैसे हालात बन गए है। फसलें बारिश न होने से सूखने लगी है।
तापमान दिन प्रतिदिन बढ़ रहे है। जंगल आग से दहकने लगे है। पानी की किल्लत सामने आने लगी है। सबसे बड़ी चिंता ये सत्ता रही है कि आने वाले दिनों में भी पहाड़ी प्रदेश हिमाचल में सूखे व गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है।
मौसम केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि इस मर्तबा मार्च माह में माइनस 95.1 फ़ीसदी कम बारिश रिकॉर्ड की गई है। यानी कि इस बार मात्र 5.4 फीसदी बारिश ही हुई। इससे पहले 2008 में 95.9 फ़ीसदी कम बारिश दर्ज हुई थी।
माचल में मार्च माह में ही गर्मी ने रिकॉर्ड तोड़ डाले है। तापमान सामान्य से 6 से 7 डिग्री ज्यादा चल रहे है। इस बार हिमाचल ही नहीं बल्कि देश भर में गर्मी नए रिकॉर्ड बनाने की ओर अग्रसर है। ये सब जलवायु परिवर्तन का नतीजा है। जिसके चलते सूखे जैसे हालात देखने को मिल रहे है। जिसका पानी की समस्या के साथ साथ फसलों पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि आने वाले दिनों में भी गर्मी से राहत की उम्मीद नहीं है।
हिमाचल के पर्यटन स्थलों में तापमान मार्च माह के मध्य में ही गर्मी के रिकॉर्ड तोड़ चुका है। हिमाचल के पर्यटन स्थलों जहाँ लोग सकुन की तलाश में आते है वहां भी तापमान सामान्य से 6 से 7 डिग्री ज्यादा चल रहे है। शिमला में पिछले 24 घंटे के दौरान 25.6 डिग्री, मनाली में 25.8 और धर्मशाला में 33.0 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। सबसे ज़्यादा तापमान ऊना जिला में 40.0 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।