शिलाई,18 मार्च : उपमंडल के हलांहा के कुकड़ेच गांव की 22 वर्षीय पूजा देवी 22 पत्नी यशपाल को प्रसव पीड़ा के चलते शिलाई अस्पताल लाया गया। मौजूद स्टाफ ने डिलीवरी में हाई रिस्क बताकर महिला को सुबह साढ़े सात बजे पांवटा साहिब के लिए रैफर कर दिया। सतौन के आसपास महिला का 108 एम्बुलेंस में सफल प्रसव करवा दिया गया।
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सवाल ये उठता है कि मरीज को अस्पताल पहुंचाने के 10 या 15 मिनट में तुंरत रैफर क्यों कर दिया जाता है। शिलाई से पांवटा साहिब अस्पताल पहुंचने का समय लगभग 3 से 4 घंटे का है। रोड की हालत भी खराब है, क्योंकि एनएच-707 का कार्य प्रगति पर है।
ऐसा दावा किया जा रहा है कि अगर दो से चार घंटे तक रोगी को अस्पताल में रखा जाता तो प्रसव अस्पताल में आसानी से करवाया जा सकता है। ऐसा भी कई बार हुआ है जब रैफर पेशेंट की डिलीवरी अस्पताल के गेट तक पहुंचने पर भी हुई है। ऐसे में कई सवाल पैदा होते हैं। इस बात की भी कोई गारंटी नहीं होती कि पांवटा साहिब अस्पताल में भी डिलीवरी हो जाए, क्योंकि वहां से भी केस नाहन रैफर किए जाते हैं।
परिजनों ने ईएमटी (EMT) नरेश चौधरी और पायलट दीपराम का आभार जताया है। जच्चा व बच्चा पांवटा अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। बता दें कि महिला की गोद में बेटे की किलकारी गूंजी है।
जिला प्रभारी मनोज कोठारी ने कहा कि शिलाई अस्पताल से पांवटा अस्पताल की दूरी काफी ज्यादा है। अस्पताल प्रशासन को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। ताकि किसी भी मरीज को परेशानी न हो। कहा कि ईएमटी व पायलट बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने जटिल प्रसव को आसान बनाकर सफलतापूर्वक कार्य किया है।