मंडी, 05 मार्च : मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अनुभवहीन है, और उन्हें हिमाचल की आर्थिकी का कोई भी ज्ञान नहीं है। सीएम जयराम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश को दिवालिये के कगार पर खड़ा कर दिया है। यह बातें पूर्व मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कौल सिंह ठाकुर ने मीडिया को जारी वीडियो संदेश में कही। वहीं कौल सिंह ठाकुर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर पर प्रदेश को कर्ज के बोझ चले दबाने के भी आरोप लगाए हैं।
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने अंतिम बजट में 2022 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों के वेतन में कुछ वृद्धि की है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से उम्मीद थी कि बजट में पुरानी पेंशन को बहाल करेंगे, परन्तु इस बारे में मुख्यमंत्री ने बजट में कोई प्रावधान नहीं किया। उन्होंने सीएम को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बार-बार कर्मचारियों को गुमराह कर रहे हैं कि कर्मचारियों की पेंशन कांग्रेस ने बंद की है।
कौल सिंह ठाकुर ने कहा कि मैं सीएम को याद दिलाना चाहता हूं कि जब केंद्र में अटल बिहारी वाजपेई व प्रदेश में प्रेम कुमार धूमल की सरकार थी, तो उस समय कर्मचारियों की पेंशन बंद की गई थी। उन्होंने कहा कि उस समय इकोनामिक रिफॉर्म के नाम पर प्रस्ताव लाया गया था, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया था। पूर्व मंत्री ठाकुर कौल सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह जान लेना चाहिए कि प्रदेश का कोई भी वर्ग उनकी कार्यप्रणाली से खुश नहीं है।
कौल सिंह ने कहा कि आउटसोर्स कर्मचारियों को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री अपने बजट में उन्हें कॉन्ट्रैक्ट पर लाने का प्रावधान करेंगे, लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। वहीं कौल सिंह ठाकुर ने आशा कार्यकर्ताओं के वेतन वृद्धि का स्वागत भी किया। उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों में भाजपा की हार निश्चित है। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनते ही आउटसोर्स कर्मचारियों को कॉन्ट्रैक्ट पर लाया जाएगा। वहीं कर्मचारियों की पुरानी पेंशन भी बहाल की जाएगी।