नाहन, 2 मार्च : तकरीबन चार साल से फार्मा कंपनी में काम करने वाला सौरव त्यागी औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में आवारा कुत्तों व पशुओं की इम्दाद में जुटा रहता है। हर साल की तरह इस साल भी सौरव को एक चिंता सता रही है। वो ये कि भीषण गर्मी के दौरान बेजुबान सड़कों के किनारे पानी के लिए तड़पते नजर आएंगे। वो अकेला भी कितना कर पाएगा।
सौरव का कहना है कि अगर हरेक उद्योग अपने मुख्य गेट के बाहर बेजुबानों के लिए पानी व छांव की व्यवस्था कर दे तो पुण्य ही मिलेगा।
गौरतलब है कि हिमाचल की सीमा पर स्थित औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में गर्मी के दौरान तापमान 45 डिग्री पार कर जाता है। ऐसे में जन जीवन पर गहरा असर पड़ता है तो सोचिए बेजुबानों का क्या हाल होता होगा।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले सौरव त्यागी की मानें तो बेजुबानों को उद्योगों से निकलने वाला गंदा पानी पीना पड़ता है। कई बार कीचड़युक्त पानी पीते ही नजर आते हैं। उनका कहना है कि अहिंसा व प्रेम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है।
दीगर है कि सौरव समूचे कालाअंब क्षेत्र में आवारा कुत्तों के लिए न केवल खाने का इंतजाम करता है, बल्कि घायल कुत्तों का उपचार भी करवाता है। सौरव ने उम्मीद जताई है कि जल्द ही उद्योगों द्वारा भी बेजुबानों के हित में ठोस कदम उठाए जाएंगे।