शिमला, 02 मार्च : एक सर्द रात में किन्नौर के उरनी गांव के लोग के मंदिर में स्थानीय देवताओं का स्वागत करने के लिए एकत्र हुए, वो इस बात से अनजान थे कि अत्यधिक प्रयास से एकत्र किए गए “चिलगोजा” (Pine Nuts) के 15 बोरे चोरी हो गए है। चिलगोजा स्टॉक की कीमत बाजार में 15 लाख रुपए थी।
चोरी की सूचना पर ग्रामीण बेहद निराश हो गए,उन्होंने पुलिस से मदद की गुहार लगाई। पुलिस जब मौके पर पहुंची तो मामले को सुलझाने के लिए सबूत जुटाने में ग्रामीणों ने पूरा सहयोग किया।
एक ग्रामीण ने विशेष रूप से पुलिस को निर्देशित किया कि वास्तव में क्या हुआ होगा। जैसे ही जांच आगे बढ़ी, पुलिस को घटना के समय के सीसीटीवी फुटेज मिले। साथ ही एक संदिग्ध फोन नंबर का पता लगाया गया, जो घटना के समय सक्रिय था।
जांच के दौरान कैंपर HP63A-3409) का एक वीडियो घटना के स्थान से रामपुर की तरफ रात 2:30 बजे जाता दिखाई दिया। फिर सुबह वापस लौटते हुए पाया गया। इससे पुलिस को सुराग मिला। जब वाहन के मालिक को पूछताछ के लिए लाया गया, तो उसने आरोपों से इनकार किया। अपराधी की तलाश पूरी हो चुकी थी।
पुलिस ने रामपुर में वाहन मालिक के परिजनों के बारे में और पूछताछ की। पता चला कि संदिग्ध की बहन रामपुर में रहती है। उसकी बहन के घर की तलाशी ली गई, तो चोरी हुए चिलगोजा के बोरे बरामद हो गए। बहन ने बताया कि उसका भाई चोरी के दिन देर रात आया था और कुछ बोरे गोदाम में छोड़ कर चला गया।
इस मामले की सबसे दिलचस्प बात यह रही कि अपराधी वही ग्रामीण था, जो जांच को गुमराह करने के लिए ही पुलिस की मदद के लिए आगे आया था, उसने वास्तव में खुद की मदद करने की कोशिश करते हुए पुलिस की मदद करने का नाटक किया।
उसके भागने के असफल प्रयासों के बावजूद पुलिस अंततः उसे पकड़ने में सफल रही। ग्रामीणों को आखिरकार उनका चिलगोजा वापस मिल गया है। पुलिस ने पेशेवर जांच और लगातार प्रयास से मामले को सुलझाया।