शिमला, 25 फरवरी : चुनावी वर्ष में अपनी मांगें मनवाने के लिए सरकार पर दवाब बनाना कर्मचारियों को मंहगा पड़ सकता है। ऐसे कर्मचारियों पर अब सरकार सख्ती से पेश आएगी। प्रदेश में कोई भी कर्मचारी अपनी मांगों को मनवाने या समस्याओं को दूर करने के लिए प्रदर्शन, बहिष्कार, पेन डाउन स्ट्राइक और इस तरह की अन्य गतिविधियों में शामिल हुए तो ऐसे सभी कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा और उन कर्मचारियों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा।
इस संबंध में मुख्य सचिव ने आज आदेश जारी किया है। इसके मुताबिक कोई भी कर्मचारी कार्य के समय पर ऑफिस में या ऑफिस के बाहर किसी भी तरह के विरोध प्रदर्शन में शामिल होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
दरअसल सरकार के ध्यान में आया है कि अकसर कर्मचारी विधानसभा सत्र के दौरान अकसर कर्मचारी ऑफिस से अवकाश लेकर विरोध प्रदर्शन में शामिल होते है। इसे देखते हुए सरकार ने सभी विभागाध्यक्षों को विधानसभा के दौरान कर्मचारियों की छुट्टियों पर बैन लगाया जाए। इन आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि अगर कर्मी किसी भी तरह विरोध प्रदर्शन करता है तो उसका वेतन काटा जाएगा।
बता दें कि कर्मचारियों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहले ही इसके खिलाफ सख्त कदम उठाने के संकेत दिए थे। मुख्यमंत्री ने कहा था अपनी बात को मनवाने के लिए अगर कर्मचारी सरकार पर किसी भी तरह का दबाव पैदा करने की कोशिश करेंगे तो उनके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।