रोनहाट, 23 फरवरी : वर्ल्ड बैंक द्वारा 1356 करोड़ रुपयों से वित्त पोषित भारत सरकार के सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के ग्रीन नेशनल हाईवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन राष्ट्रीय राजमार्ग 707 का वर्ल्ड बैंक की टीम द्वारा निरीक्षण किया गया। वर्ल्ड बैंक के सात सदस्यों वाली इस टीम में सड़क सुरक्षा, पर्यावरण, पारिस्थितिकी, स्थिरता, फ़ाइनैन्स, सामाजिक जिम्मेदारी और गुणवत्ता के विशेषज्ञों ने निरीक्षण के दौरान सभी पहलुओं की जांच करके निर्माण कार्य कर रही निजी कंपनी को समय रहते कमियों में सुधार करने के निर्देश दिए।
निरीक्षण के दौरान वर्ल्ड बैंक की टीम ने सड़कों में जगह-जगह चेतावनी सम्बंधी संकेत बोर्ड और सड़क सुरक्षा के मद्देनजर लगने वाले रेडियम युक्त रंग बिरंगे रिफ्लेक्टर न होने पर हैरानी जताई। उन्होंने बताया कि सड़क से गुजरने वाले वाहनों को सुरक्षा सम्बंधित हिदायतों के लिए दूर से दिखाई देने वाले चेतावनी संकेत बोर्ड और सड़क के किनारे में रेडियम युक्त रिफ्लेक्टर लगाना बेहद ज़रूरी है। ताकि निर्माण कार्य के दौरान आम जनता को असुविधा और किसी अप्रिय हादसे से बचाया जा सके।
निरीक्षण के दौरान वर्ल्ड बैंक की टीम द्वारा एनएच 707 की कटिंग के दौरान निकलने वाले मलबे को डंप करने के लिए बनाई गई अधिकांश डंपिंग साइट्स के नियमानुसार न होने और बेतरतीब तरीके से हर कहीं डंप किए जा रहे मलबे को लेकर चारों निजी कंपनियों को खूब फटकार लगाई गई। उन्होंने बताया कि ग़लत तरीक़े से बरसाती नालों में फेंके जा रहे मलबे से पानी की निकासी प्रभावित हो सकती है, जिसके कारण भूस्खलन और कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है। उन्होंने जिम्मेदारी के साथ मलबे को चिन्हित डंपिंग साइट्स पर ही डम्प करने के सख्त निर्देश दिए है।
वर्ल्ड बैंक के पर्यावरण विशेषज्ञ ने एनएच 707 में निर्माण कार्य कर रही निजी कंपनियों के प्रदूषण से संबंधित सभी दस्तावेजों का निरीक्षण किया और पैकेज चार का कार्य कर रही कंपनी को 2 बड़ी नदियों के बिलकुल बीच में हिमाचल सरकार द्वारा स्टोन क्रशर लगाने को दी गई अनुमति को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि 2 नदियों के बीच में लगा स्टोन क्रशर उन्होंने भी पहली बार देखा है। उनके अनुसार नदियों के मध्य में स्टोन क्रशर लगाने की जगह किसी अन्य स्थान पर इसको स्थापित किए जाने से नदियों और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाया जा सकता है।
एनएच-707 के निर्माण कार्य में उपयोग की जा रही सामग्रियों के सैंपल भरने के बाद वर्ल्ड बैंक की टीम द्वारा सड़क की स्थिरता, गुणवत्ता, सामाजिक ज़िम्मेवारी और फ़ाइनैन्स से संबंधित सभी महत्वपूर्ण दस्तावेजों और गतिविधियों का निरीक्षण किया गया। इस दौरान एनएच 707 का निर्माण कार्य कर रही निजी कंपनियों को जांच के दौरान पाई गई ख़ामियों को जल्द दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए। वर्ल्ड बैंक की टीम ने सभी निजी कंपनियों को निर्माण कार्य में तेज रफ्तार की जगह गुणवत्ता और पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी है।
उधर, वर्ल्ड बैंक की टीम के सदस्य और विशेषज्ञ संजीव शर्मा ने बताया कि निरीक्षण से सम्बंधित सभी जानकारियाँ बेहद गोपनीय रखी जाती है, जिन्हें नियमानुसार मीडिया से साझा नहीं किया जा सकता है। देश के करीब 7 राज्यों में चल रही वर्ल्ड बैंक द्वारा वित्त पोषित विभिन्न विकासात्मक परियोजनाओं के निरीक्षण की रिपोर्ट टीम के सभी सदस्यों द्वारा तय समय सीमा के अंदर वर्ल्ड बैंक को सौंप दी जाएगी।
उन्होंने आशा जताई है कि सभी निजी कंपनियों द्वारा केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानदंडों और तय समय सीमा में सड़क निर्माण का कार्य पूरा किया जाएगा