मंडी, 9 फरवरी : एक ओर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान की बात कर रहे हैं। वहीं प्रदेश के मुखिया जयराम ठाकुर वरिष्ठ नागरिकों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर कर रहे हैं। यह आरोप हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच ने बुधवार को मंडी में आयोजित मासिक बैठक के दौरान लगाए हैं।
कल्याण मंच का कहना है कि सेवानिवृत्त कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर 17 बार हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिल चुके हैं और बीते साढ़े 4 वर्षों से मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन ही दिया है। सरकार की अनदेखी से नाराज सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने अब प्रदेश सरकार के खिलाफ संघर्ष का रास्ता अख्तियार करने का मन बना लिया है।
बैठक के उपरांत मीडिया से रूबरू होते हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष अशोक कुमार पराशर ने कहा कि सरकार की लगातार अनदेखी के चलते सेवानिवृत्त कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि उनकी मांगों को 19 फरवरी से पहले पूरा नहीं किया जाता है तो वह बजट सत्र के दौरान विधानसभा का घेराव करने से भी गुरेज नहीं करेंगे, जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।
उन्होंने कहा कि उनकी प्रमुख मांगों में तीन मांगे सम्मिलित हैं। जिनमें अन्य विभागों की तर्ज पर 1 तारीख को पेंशन, सेवानिवृत्ति पर ड्यूज का भुगतान व लंबित पड़े भत्ते शामिल हैं।
वहीं हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच अतिरिक्त प्रदेश महामंत्री सुरेंद्र कुमार सूद ने बताया कि कल्याण मंच के साथ 7300 के करीब सेवानिवृत्त कर्मचारी जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि 9 तारीख बीत जाने के बावजूद भी अभी तक सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी गई है, जिससे साफ जाहिर होता है कि सरकार को वरिष्ठ नागरिकों की कोई चिंता नहीं है।
उन्होंने कहा कि यदि जयराम सरकार उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तो 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों में इसका नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहना होगा।