हमीरपुर, 9 फरवरी : एक तरफ जहां सरकार आउटसोर्स में लगे कर्मचारियों के लिए नीति बनाने की बात कर रही है। वहीं प्रदेश में कई जगह आउटसोर्स के तहत ही भर्तियां भी की जा रही हैं। ताजा मामले में तकनीकी विश्वविद्यालय में नई नियुक्तियों को लेकर मचे बवाल के बीच अधिकारी के बेटे की तैनाती पर अब तलवार लटक गई है।
बताया जा रहा है कि अधिकारी के बेटे की नियुक्ति को विश्वविद्यालय प्रशासन कंसीडर नहीं करेगा। हालांकि यह बात भी निकल कर सामने आ रही है कि उक्त अधिकारी के बेटे ने ज्वाइनिंग देने से इनकार कर दिया है। बाकायदा लिखित रूप में अधिकारी के बेटे ने ज्वाइनिंग न करने की जानकारी विश्वविद्यालय प्रशासन को दी है।गौरतलब है कि सात अलग-अलग तरह की इन नियुक्तियों को लेकर आरोप यह है कि भाई भतीजावाद इनमें मुकम्मल तौर पर असर दिखा रहा है।
नियुक्तियों को लेकर सोशल मीडिया पर भी अब बवाल मचने लगा है। कारण साफ है कि यह नियुक्तियां आउट सोर्स स्तर पर हुई हैं और महत्वपूर्ण पदों को भरने के लिए जो प्रक्रिया अपनाई गई है। उसे लेकर यूनिवर्सिटी के कामकाज पर सवाल उठने लगा है।
दरअसल, इन नियुक्तियों के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने दो बार टेंडर प्रक्रिया अपनाई थी, लेकिन यह कार्य पूरा नहीं हो पाया। इसके बाद इन पदों को भरने के लिए नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन यानी नायलेट को लिखा गया। अब नायलेट ने इन्हें नियुक्ति पत्र भेजा, उसमें कुछ ऐसे भी उम्मीदवार हैं, जो पहले भी इस यूनिवर्सिटी में कार्यरत रहे हैं।
इन पदों पर हुई नियुक्तियां…
नायलेट ने जिन 7 पदों के लिए जॉइनिंग का पत्र भेजा है, उनमें इंचार्ज डाटा सेंटर, इंचार्ज डाटा ऑपरेटर सेंटर और इंचार्ज वेब स्टूडियो के अलावा टेक्निकल असिस्टेंट डाटा ऑपरेटर, टेक्निकल असिस्टेंट आरपी सेंटर, टेक्निकल असिस्टेंट वेब स्टूडियो और कैमरामैन के पदों को भरने के लिए एक सांझा अप्वाइंटमेंट लेटर जारी किया है।
एचपीटीयू के रजिस्ट्रार अनुपम ठाकुर का कहना है कि ज्वाइनिंग से पहले यह भी देखा जाएगा कि संस्थान के भीतर यदि किसी अधिकारी यह सीनियर फैकल्टी के परिवार से कोई व्यक्ति शामिल है, तो उसकी नियुक्ति नहीं की जाएगी। आउटसोर्स फॉर्म भरने के लिए यूनिवर्सिटी ने ही लिखा था. क्योंकि खाली पद काफी हैं और इसे भरने के लिए सरकार को कई बार लिखा गया था।सरकार से जिन पदों को भरने की स्वीकृति मिली, उनमें यही 7 पद हैं।