शिमला, 08 फरवरी : सूबे में कर्मचारियों की वेतन विसंगतियों का मामला सुलझता नहीं दिख रहा है। अभी तक सरकार की तरफ से कायम संशय पर स्थिति साफ नहीं हो सकी है, जिससे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। हालांकि वित्त विभाग इस मामले में समाधान निकालने की कोशिश कर रहा है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी कहा है कि कर्मचारियों के हित में फैसला लेंगे परंतु अभी मामला फिर भी फंसा हुआ है।
इस मुद्दे को लेकर कर्मचारियों में आपसी लड़ाई भी तेज हो गई है। एक तरफ कर्मचारी महासंघ का दावा है कि वह सरकार से सभी विसंगतियों को दूर करवा देगा तो दूसरी ओर अपना हक लेने के लिए एक संयुक्त मोर्चा यहां पर खड़ा हो गया है। इस संयुक्त मोर्चा की बैठक सोमवार को काली बाड़ी हॉल में हुई, जिसमें 40 कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधि होने का दावा किया गया।
संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र चौहान व महासचिव हीरा लाल वर्मा ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों के वेतनमानों का संशोधन जो किया जा रहा है, उसमें राज्य सरकार द्वारा पिछली विसंगतियों को तो नजरंदाज किया ही गया है। वहीं पंजाब द्वारा 1.1.2016 के वेतनमान में अपने कर्मचारियों को सुनिश्चित की गई, 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि के प्रावधान को प्रदेश में लागू नहीं किया।
अब थर्ड ऑप्शन देने की बात कही है, लेकिन उसपर सरकार स्थिति क्लीयर नहीं कर रही है। जिसके परिणामस्वरुप कर्मियों के संशोधित वेतन निर्धारण के बाद कुछ श्रेणियों का संशोधित वेतन नीचे आ गया और अधिकतर की वेतन वृद्धि 15 प्रतिशत से कम है।