नाहन (एमबीएम न्यूज): सिरमौर प्रशासन द्वारा सैन्य प्रशासन को सौंपी विवादित क्षेत्र की निशानदेही रिपोर्ट में 69 संयुक्त परिवारों को नाजायज कब्जाधारी दिखाए जाने पर ग्रामीण एवं शहरी विकास संघर्ष समिति ने कड़ी आपत्ति जाहिर की है। मामले को लेकर समिति की एक बैठक शुक्रवार को हुई। बैठक की अध्यक्षता खेम सिंह बहादुर ने की। बैठक में शहरी क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले वार्ड नंबर-12 व नाहन ग्राम पंचायत के प्रभावित 15 गांवों के दर्जनों लोगों ने हिस्सा लिया। बैठक को संबोधित करते हुए खेम सिंह बहादुर ने कहा कि ये हैरत की बात है कि जिला प्रशासन ने निशानदेही की रिपोर्ट में क्षेत्र के 69 संयुक्त परिवारों को अवैध कब्जाधारी दर्शाया है। जबकि सभी लोग आजादी से पहले रियासतकाल से ही इस क्षेत्र में रहते आ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जो भूमि संबंधित कानून बने एवं बंदोबस्त हुए, उसमें बदलावों के कारण ही यह दुखदायी स्थिति उत्पन्न हुई है। लंबे समय से सैनिक प्रशासन एवं सिविल क्षेत्र के बीच इस उत्पन्न समस्या का जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार आश्वासनों के बावजूद कोई स्थाई हल नहीं निकाल पाई है। खेम सिंह ने कहा कि सन् 1982 में राज्य व केंद्र सरकार द्वारा इस विषय के समाधान हेतु सहमति बनाई थी कि राज्य सरकार उतनी भूमि केंद्र सरकार को हस्तांतरित करेगी, जितनी भूमि में सिविल लोग रियासतकाल से रहते आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2010 में जिला प्रशासन ने सैन्य प्रशासन की सहमति से पुन: यह मामला राज्य सरकार को भेजा था। इस पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। जिस कारण यहां रह रहे लोगों में घबराहट का माहौल है।
खेम सिंह बहादुर ने कहा कि इस क्षेत्र में कई ऐसे भी परिवार रह रहे हैं, जोकि पूर्व सैनिकों के हैं। उनमें भी अपने-अपने घरों को लेकर असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। बैठक में उपस्थित विश्वनाथ शर्मा, याकूबबेग, अनिल कुमार, अजय जोशी, बाबूराम पूर्व पंचायत प्रधान, संजीव सैनी पूर्व पंचायत प्रधान, लाल चंद शर्मा, इकबाल खान, कृष्ण लाल, सूबेदार गुमान सिंह, हवलदार जोगिंद्र सिंह, कैप्टन अरूण कुमार, कैप्टन कुलदीप सिंह, सिपाही योगेंद्र सिंह, मनोज कुमार आदि ने राज्य सरकार से मांग की कि इस समस्या का हल स्थाई रूप से अतिशीघ्र निकाला जाए, ताकि आम जनता के मन से असुरक्षा की भावना समाप्त हो।