शिमला, 04 फरवरी : केंद्र सरकार में खुद को आइबी का आईजी बताकर एक फर्जी आईजी ने हिमाचल में 1.49 करोड़ रुपये की उगाही की है। हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला यह शातिर विनय अग्रवाल हरियाणा पुलिस के वर्दीधारी और सशस्त्र पुलिस अधिकारी के साथ उगाही करने के लिए जाता था।
प्रदेश के कालाअंब, बद्दी नालागढ़ व अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर आइबी का फर्जी अफसर बनकर उद्योगपतियों को डरा धमका कर उनसे मोटी रकम की उगाही करता था। हिमाचल पुलिस के सीआईडी विंग की जांच में यह खुलासा हुआ है। औद्योगिक क्षेत्रों में आईबी के अफसर नाम से सक्रिय इस विनय अग्रवाल के खिलाफ हिमाचल पुलिस के सीआईडी थाना भराड़ी में मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस के अनुसार यह मामला कोई सफेदपोश अपराध नहीं है, बल्कि इस अपराध के पीछे एक ऐसा गिरोह है, जिसकी कई कड़ियां हो सकती है।
सीआईडी की जांच की आंच कई रसूखदारों तक पहुंच चुकी है। सीआईडी के अनुसार हरियाणा में कई लोग आरोपियों के साथ संपर्क में रहते थे। आरोपियों के बैंक खातों की भी जांच होगी। हिमाचल सीआईडी की एसआईटी ने आइबी के फर्जी आईजी हरियाणा के सोनीपत निवासी विनय अग्रवाल के ठिकानों पर दबिश दी। पंचकूला के सेक्टर नौ में आरोपियों के घर की तलाशी में कई अहम दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं।
इसके अलावा आरोपियो के आठ से 10 साथियों की भी तलाश है। इनमें से कुछ से पूछताछ की गई है। अवैध उगाही से करोड़ों की संपत्ति एकत्र की गई है। वहीं इसकी गहन जांच चल रही है। साथियों की भी तलाश की जा रही है। इन्हें चिन्हित किया जा रहा है।
हिमाचल के डीजीपी संजय कुंडू ने इस मामले की विस्तृत जांच के लिए एसआईटी का गठन किया है। एसआईटी पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम रोहित मालपानी की अध्यक्षता में गठित की गई। इसके साथ ही एसपी आर्थिक अपराध (ईओ डब्लयू ) गौरव ङ्क्षसह, एसपी सीआईडी क्राइम वीरेंद्र कालिया, एएसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर, डीएसपी सीआईडी क्राइम मुकेश कुमार सहित दो इंस्पेक्टर, पांच सब इंस्पेक्टर और एक एएसआई को इसमें शामिल किया है।