शिमला, 01 जनवरी : हिमाचल प्रदेश राज्य मानवाधिकार आयोग ( human rights commission) सुन्नी में सड़क पर डंगा लगाने के दौरान हुए 10 दिसंबर को हादसे में एक मजदूर की मौत और दो घायल होने के मामले में केंद्रीय रक्षा सचिव से रिपोर्ट तलब की है। सड़क की मरम्मत का काम रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) की कंपनी ग्रेफ कर रही है। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति पीएस राणा और सदस्य डॉ. अजय भंडारी ने केंद्रीय रक्षा सचिव को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं। कहा गया है कि वे 14 मार्च तक आयोग को जांच रिपोर्ट पेश करें।
गौरतलब है की उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने आयोग को शिकायत की थी कि सुन्नी तहसील के स्वां क्यार (नौटी खड्ड) में सीमा सड़क संगठन (BRO) से संबंधित ग्रेफ कंपनी के तीन मजदूर डंगा लगाने के दौरान भूस्खलन (Landslide) होने से मलबे में दब गए। इन्हें खतरनाक काम के दौरान सुरक्षा के कोई उपकरण नहीं दिए गए थे। यहां तक कि उनके पास हेलमेट (Helmet) भी नहीं थे। इनमें से एक मजदूर भगत राम पुत्र हरिराम निवासी तहसील सुन्नी की मृत्यु हो गई। दो घायल मजदूरों आदम चंद और बंसीलाल का इलाज चल रहा है।
विनोद योगाचार्य ने राज्य मानवाधिकार आयोग से मामले की जांच करने और मृतक के परिवारों और घायल मजदूरों को मुआवजा दिलाने की मांग की थी।
उन्होंने कहा है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ केस भी दर्ज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्रालय से संबंधित सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) जैसे जिम्मेदार विभाग की कंपनी ग्रेफ के अधिकारियों की यह आपराधिक (Criminal) लापरवाही गरीब मजदूरों पर बहुत भारी पड़ रही है। उनका कहना है कि सीमावर्ती क्षेत्रों की ओर जाने वाली रणनीतिक महत्व की सड़कों को बनाने और मरम्मत करने का दायित्व बीआरओ और ग्रेफ का है। लेकिन आपराधिक लापरवाही के कारण ऐसे हादसों में जानी नुकसान भी होता है। भविष्य में इन्हें रोकने के लिए दिशा निर्देश जारी करने चाहिए।