शिमला, 25 दिसंबर : पीएम साहब आपने वर्ष 2014 में किसानों के साथ जो वादा किया था उसे कब निभाओगे। हिमाचल प्रदेश किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. कुलदीप तंवर द्वारा शनिवार को मीडिया को जारी बयान में कहा कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा अपने घोषणापत्र में किसानों से वादा किया था कि केंद्र में सरकार बनने पर हिमाचल को उनके उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। जिसमें दूध, ऊन, शहद, फल शामिल हैं। किसान सभा ने कहा कि उम्मीद है कि इस दौरे में प्रधानमंत्री उन वायदों को पूरा करेंगे।
डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि नरेन्द्र मोदी हमेशा हिमाचल से अपना नाता जोड़ते हैं, और अपना दूसरा घर कहते हैं। इस बार मंडी सहित हिमाचल के मक्की उत्पादक किसानों की उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मक्की को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मक्की की खरीद को सुनिश्चित करवाने के लिए प्रदेश सरकार मण्डी को उचित निर्देश देंगे। डॉ. तंवर ने कहा कि अभी किसानों की लगभग 7 लाख मीट्रिक टन मक्की बिक्री के लिए आती है, लेकिन 8 से 12 रुपये बमुश्किल से बिक जाती है।
डॉ. तंवर ने बताया कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के प्रसार प्रकोष्ठ द्वारा प्रकाशित पुस्तक के अनुसार मक्की के लगभग 35 उप-उत्पाद बनाए जा सकते हैं। अगर केन्द्र और प्रदेश सरकार मिलकर प्रदेश में मक्की के लिए प्रोसेसिंग उद्योग स्थापित करे तो मक्की प्रदेश के लगभग आधे हिस्से के लिए एक बड़ी नकदी फसल बन सकती है, जिसकी आर्थिकी 3000 करोड़ से ऊपर की हो सकती है। किसान सभा अध्यक्ष ने प्रदेश में भूमि के मुद्दे पर भी पीएम से कोई ठोस निर्णय लेने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की लगभग 47 लाख की आबादी कृषि पर निर्भर है, लेकिन प्रदेश की कुल भूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा ही उनके पास खेती के लिए उपलब्ध है।
विकास के नाम पर उनकी जमीन फोरलेन, राष्ट्रीय उच्च मार्ग, विभिन्न तरह के प्रोजेक्टों और अब मण्डी की सबसे उपजाऊ जमीन हवाई अड्डा बनाने के लिए की जा रही है। लेकिन मुआवजे के नाम पर उनसे वादा खिलाफी हो रही है। प्रदेश भाजपा के घोषणापत्र में भूमि का चार गुणा मुआवजा देने का वादा किया गया था, जो सरकार ने पूरा नहीं किया। किसान सभा प्रधानमंत्री से उम्मीद जताई है कि हिमाचल प्रदेश के एक दिवसीय प्रवास के दौरान वे किसानों को उनकी भूमि का उचित मुआवजा देने, भूमि अधिग्रहण से विस्थापित किसानों को पुनर्स्थापित करने और उनके लिए वैकल्पिक रोजगार देने पर प्रदेश सरकार को आवश्यक निर्देश देेंगे।