ऊना, 13 दिसंबर : जिला के रायपुर सहोड़ा स्थित एलपीजी गैस प्लांट के अंदर से सरकारी भूमि पर पेड़ों के अवैध कटान का सनसनीखेज मामला सामने आया है। पुलिस ने वन विभाग के रेंज ऑफिसर की शिकायत के आधार पर इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एलपीजी प्लांट के डीजीएम समेत 5 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी जानकारी में वन विभाग के रेंज ऑफिसर संजीव कुमार ने बताया कि रविवार रात उन्होंने अपने ही विभाग के बनगढ़ बीट के फॉरेस्ट गार्ड मनजीत सिंह और बहडाला बीट के फॉरेस्ट गार्ड करणवीर सिंह के साथ क्षेत्र के छतरपुर ढाडा चौक में नाकेबंदी की थी।
इसी दौरान पिकअप गाड़ी (HP 72B-7516) गाड़ी में शीशम, कीकर और पहाड़ी कीकर के कई मोछे और बालन लदा पाया गया। गाड़ी में केवल मात्र चालक सवार था। चालक को पूछताछ पर अपना पता अरशत दीन पुत्र मंगत दीन निवासी नंगल कलां बताया।
वन विभाग की टीम ने जब चालक से लकड़ी के संबंध में दस्तावेज दिखाने को कहा तो वह कुछ भी प्रस्तुत नहीं कर सका। जबकि पूछताछ करने पर उसने बताया कि यह लकड़ी उसने रायपुर स्थित इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के एलपीजी प्लांट से लोड की है। उसने बताया कि यह लकड़ी प्लाट की डीजीएम निसार अहमद ने दिलबर, अविक और सतनाम से कटवा कर उसकी गाड़ी में लोड करवाई है।
मामले की तस्दीक के लिए वन विभाग की टीम चालक और लकड़ी समेत इंडियन आयल कॉर्पोरेशन के रायपुर सहोड़ा स्थित एलपीजी प्लांट में जा पहुंची। जहां टीम ने शीशम के आठ, कीकर और पहाड़ी कीकर के दो-दो पेड़ कटे पाए। वन विभाग की टीम ने जब प्लांट के डीजीएम निसार अहमद से इन 12 पेड़ों को कटवाने के संबंध में अपने उच्च अधिकारियों या वन विभाग के अधिकारियों की अनुमति दिखाने को कहा तो वह कुछ भी प्रस्तुत न कर सका।
पुलिस को दी शिकायत में वन विभाग के अधिकारियों ने आरोप जड़ा है कि डीजीएम निसार अहमद ने अपने चार अन्य साथियों के साथ मिलकर इन पेड़ों को कटवा कर चोरी से बेचने का काम किया है। घटना की पुष्टि करते हुए पुलिस अधीक्षक अर्जित सेन ठाकुर ने कहा कि पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ वन अधिनियम की धारा 41 और 42 तथा आईपीसी की धारा 379 के तहत केस दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।