शिमला, 30 नवंबर : हिमाचल की जयराम सरकार ने जेबीटी(JBT) प्रशिक्षुओं के पक्ष में होने संकेत दिए है। सरकार का मानना है कि जेबीटी ही पहली से पांचवी तक की कक्षाओं को पढ़ाने के लिए उपयुक्त हैं। हालांकि आधिकारिक तस्दीक नहीं है लेकिन बताया जा रहा है कि मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इस मसले पर चर्चा की गई। प्रारंभिक शिक्षा निदेशक (Education director) को विशेष तौर बैठक में बुलाया गया था। सरकार ने शिक्षा सचिव(Education Secretary) को हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने या हाईकोर्ट में ही पुनर्विचार याचिका दायर करने का निर्णय लेने का अधिकार दिया है।
बैठक के दौरान हिमाचल हाईकोर्ट से जेबीटी को लेकर आए फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट से आए विपरीत फैसले पर मंथन हुआ। बता दे कि राजस्थान हाईकोर्ट ने बीएड डिग्री धारकों को पहली से पांचवीं कक्षा के विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए पात्र नहीं माना है। जबकि हिमाचल हाईकोर्ट (Himachal High Court) ने जेबीटी भर्ती के लिए बीएड वालों को भी पात्र बना दिया है। मामले पर चर्चा करने के बाद राजस्थान हाईकोर्ट की आदेश मिलने के बाद फैसला लेने को कहा गया।
कैबिनेट बैठक में बताया गया कि राजस्थान शिक्षा विभाग से जानकारी मांगी गई है। फैसले की कॉपी का इंतजार है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कैबिनेट (Cabinet) में सहमति बनी है कि अगर राजस्थान हाईकोर्ट और हिमाचल के जेबीटी मामले में समानता मिली तो पुनर्विचार याचिका के साथ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका भी दायर की जा सकती है। शहरी एवं विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि सरकार जेबीटी प्रशिक्षुओं के पक्ष में रही है।