शिमला (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन शुक्रवार को एक बार फिर विधायकों के वाहनों का पार्किंग का मुद्दा छाया रहा। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, भाजपा के सुरेश भारद्वाज ने मैटरोपोल के पास विधायकों की गाडि़यां न पार्क करने पर आपति जताई। उन्होंने कहा कि रात को जब विधायकों ने गाडि़यां पार्क की थीं, तो पुलिस वालों के फोन आए और पुलिस ने कहा कि आपकी गाडि़यां यहां पार्क नहीं हो सकती और इन्हें हटाया जाए।
चुटकी लेते हुए भारद्वाज ने कहा कि कुछ विधायकों ने तो गाडि़यां ओकओवर में खड़ी कर दीं। वहीं भाजपा के अधिकतर वे विधायक जो चंबा से आए हैं, उनको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस पर उन्होंने सरकार से जवाब मांगा।
चंबा के चुराह से भाजपा के विधायक हंसराज ने कहा कि अफसरशाही नहीं चाहती कि विधायकों को प्रतिबंधित मार्गों के परिमट दिए जाएं। इतने में कांग्रेस के युवा विधायक संजय रत्न ने भी कहा कि बहुत सारे विधायकों के परमिट समाप्त हो गए हैं और विधानसभा के सचिव इन परमिटों को फिर से जारी नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिमला के अधिकतर बंधित व प्रतिबंधित सड़कों पर सभी विधायकों और सांसदों को गाडि़यां ले जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। इतने में डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी ने भी आपति जताई कि मौजूद अधिनियम के अनुसार मैटरोपोल के सामने वही विधायक गाड़ी खड़ी कर सकते हैं, जो वहां रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस अधिनियम में बदलाव की जरूरत है।
इस मुददे पर सतापक्ष व विपक्ष के बीच करीब 10 मिनट चली चर्चा के बाद मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि सरकार इस मसले पर गंभीर है और इसे लेकर इसी बजट सत्र में मौजूदा अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।