शिमला (एमबीएम न्यूज): प्रदेश उच्च न्यायालय ने लोक निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि वे यह सुनिश्चित करें शिमला से शालाघाट (अर्की) सडक़ मार्ग के आसपास कोई भी अवैध निर्माण न हो। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने बस अड्डा प्रबन्धन सोसाइटी के आग्रह पर शिमला के उप मण्डल वन अधिकारी को भी मामले में प्रतिवादी बनाया। आशा चौहान द्वारा दायर इस मामले में बस स्टैंड शिमला में यात्री विश्राम स्थल को मनमाने ढंग से व्यवसायिक परिसर में बदलने का मामला उठाया था।
एक अन्य मामले में कोर्ट ने चंडीगढ़ स्थित हाइवे अथॉरिटी को आदेश दिए कि वह टिंबर ट्रेल से लेकर बड़ोग बाईपास और चंबाघाट तक हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिए कानूनी तरीका अपनाए। कोर्ट ने अधूरा सत्यापित शपथपत्र दायर करने के लिए ज्वाइंट सैक्रेटरी परिवहन व एफेडेविट को सत्यापित करने वाले कार्यकारी दंडाधिकारी को कोर्ट में तलब किया है।
कोर्ट ने नगर निगम शिमला से पूछा कि क्या निगम ने तहबाजरियों को कोई तहबाजारी रसीदें जारी की हैं। यदि की हैं तो उनकी जानकारी कोर्ट के सामने रखें। इन मामलों पर अगली सुनवाई 15 मार्च को होगी।