मंडी, 24 नवंबर : श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में 6 दिन के नवजात की मौत का मामला सामने आया है। परिजनों ने नवजात की मौत के लिए अस्पताल प्रबंधन को दोषी ठहराया है और अब इसके लिए न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात कही है।
दरअसल नवजात के जन्म के समय नवजात के सिर पर कट लग गया था और उपचार के कारण उसे परिजनों से दूर रखा गया और बीते कल उसे मृत घोषित कर दिया गया। बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली रिवालसर तहसील के पाठा गांव के मुंशी राम ने बताया कि बीती 10 नवंबर को उसकी पत्नी दिव्या को मेडिकल कालेज नेरचौक में भर्ती किया गया। 18 नवंबर को उसने एक बेटे को जन्म दिया। डिलीवरी के दौरान नवजात के सिर पर कट लग गया।
डॉक्टरों ने माता-पिता को इसकी जानकारी दी और कहा कि इसमें घबराने वाली कोई जरूरत नहीं। इसके बाद बच्चे को विशेष प्रकार के उपकरण में रख दिया गया। दंपति का आरोप है कि उपचार के नाम पर उन्हें भी बच्चे से नहीं मिलने दिया गया। मुंशी राम ने बताया कि 23 नवंबर को डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि उनके बेटे की मौत हो गई है। मुंशी राम का आरोप है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से उनके बेटे की मौत हुई है, जिसके लिए वे अब न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। वहीं जब इस बारे में मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ पीएल वर्मा से बात की गई तो उन्होंने मामले पर अनभिज्ञता जाहिर की।
उन्होंने कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला नहीं आया है और यदि ऐसा हुआ है तो मामले की जांच की जाएगी और नियमानुसार कार्रवाई अम्ल में लाई जाएगी।