ऊना, 19 नवंबर : जिला के सीमांत कस्बा संतोषगढ़ में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के काफिले को काले झंडे दिखाने के दलित संगठनों के मंसूबे धरे के धरे रह गए। शिमला से शुरू हुई आरक्षण की शव यात्रा के विरोध में दलित संगठनों ने वीरभद्र चौक पर सुबह से ही एकजुटता के साथ नारेबाजी कर मुख्यमंत्री से शव यात्रा को रोकने की मांग उठाई।
इसी बीच जिला प्रशासन और दलित संगठनों के बीच मुख्यमंत्री से बात करने को लेकर कई दौर की वार्ता भी होती रही। लेकिन बात दोपहर करीब 2:15 बजे तक दलित संगठनों के वीरभद्र चौक पर लगातार विरोध प्रदर्शन के चलते जिला प्रशासन ने ऐन मौके पर मुख्यमंत्री का रूट संतोषगढ़ से बदलकर बाया हरोली रामपुर पुल की तरफ से कर दिया।
गौरतलब है कि एक दिवसीय दौरे पर ऊना पहुंचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर नगर परिषद मेहतपुर बसदेहड़ा में सहकारिता सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद हरोली विधानसभा क्षेत्र के पूबोवाल में जाने वाले थे। जिसके चलते संतोषगढ़ में दलित संगठनों ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से वार्ता करने और वार्ता नहीं होने पर काले झंडे दिखाने का ऐलान किया था। वहीं जिला प्रशासन ने ऐन मौके पर मुख्यमंत्री का रूट ही बदल डाला जिसके चलते दलित संगठनों के मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के मंसूबे धरे रह गए।
संतोषगढ़ कस्बे के वीरभद्र चौक पर दलित संगठनों ने आरक्षण की शव यात्रा के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू किया। लेकिन ऐन वक्त पर जिला प्रशासन ने मुख्यमंत्री का रूट संतोषगढ़ से बदलकर ऊना के रामपुर से कर दिया। जिसके चलते दलित संगठनों के मंसूबे धरे के धरे रह गए।
वहीं दूसरी तरफ खड़े दलित संगठनों को गच्चा देने के लिए जिला प्रशासन ने भी वीरभद्र चौक पर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर डाला। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ऊना जिले के एक दिवसीय दौरे के दौरान सदर और हरोली विधानसभा क्षेत्रों में आने वाले थे। सुबह के सत्र में मुख्यमंत्री मैहतपुर-बसदेहड़ा में सहकारिता सप्ताह के तहत आयोजित कार्यक्रम के बाद हरौली विधानसभा क्षेत्र के पूबोवाल में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए रवाना होने वाले थे।
संतोषगढ़ से होकर मुख्यमंत्री का काफिला निकलना था लेकिन उससे ठीक पहले दलित संगठनों ने संतोषगढ़ के वीरभद्र चौक पर मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने का प्लान बना डाला। हालांकि दलित संगठनों को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने भी काफी मान मनुहार की। लेकिन उनके अपनी जिद पर अड़े रहने के चलते जिला प्रशासन ने ऐन वक्त पर मुख्यमंत्री का रूट संतोषगढ़ से बदलकर रामपुर हरौली पुल से कर दिया। इस के चलते दलित संगठनों के मुख्यमंत्री को काले झंडे दिखाने की मंसूबे धरे रह गए।