शिमला, 09 नवम्बर : हिमाचल संघर्ष मोर्चा ने मंडी शहर के यू ब्लाक में राजकीय केंद्रीय कन्या प्राथमिक पाठशाला परिसर को गिराकर उसके स्थान पर शापिंग माल व पार्किंग कांप्लेक्स के निर्माण का विरोध किया है।
मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मेंद्र सिंह गुलेरिया ने मंगलवार को शिमला में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 160 साल पुराने इस ऐतिहासिक स्कूल परिसर की भूमि मंडी के तत्कालीन राजा विजय सेन ने दान की थी, लेकिन सरकार व स्थानीय प्रशासन की जुगलबंदी से इस भूमि पर निर्मित शिक्षा के मंदिर को उजाड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन इस जगह सात मंजिला शापिंग कांप्लेक्स और पार्किंग का निर्माण करने जा रहा है तथा इसके लिए खुदाई का कार्य जोरों पर चल रहा है।
उन्होंने कहा कि यू ब्लाक प्राथमिक विद्यालय के साथ विजय सीनियर सेकेंडरी स्कूल की प्रार्थना सभा के लिए उपयोग किया जाने वाला मंच, खेल मैदान, सरस्वती मां का मंदिर व शौचालय को भी तोड़ दिया गया है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए भूमि प्राइवेट पब्लिक पार्टनरशिप के तहत शापिग माल व पार्किंग कांप्लेक्स के लिए दे दी है। इसके लिए 2500 सक्यूर मीटर की जगह का अधिग्रहण किया गया है।
गुलेरिया ने कहा कि मंडी शहर भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील जोन पांच में सम्मिलत है और यहां बहुमंजिला भवन का निर्माण सही नहीं है। इससे शहर में कभी भी भूकंप आने पर बड़ी तबाही हो सकती है। मंडी शहर के विकास की दृष्टि से शिक्षण संस्थानों से दूर कहीं पर्याप्त खाली जगह को देखकर शापिग माल व पार्किंग कांप्लेक्स का निर्माण किया जा सकता है।
प्रदेश सरकार से मांग की है कि इस जगह पर शापिंग माग व पार्किंग कांप्लेक्स की बजाय आदर्श माडल स्कूल बनाए जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा विद्यार्थियों का मौलिक अधिकार है तथा सरकार को शिक्षा के मंदिर को उजाड़ने की बजाय स्कूल बनाने पर त्वज्जो देनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन ने उनकी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।