मंडी, 06 अक्टूबर : जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान मंडी में नेशनल एक्शन प्लान ऑन ड्रग डिमांड रिडक्शन अभियान के तहत तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला शुरू हो गई है। इस कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को अतिरिक्त उपायुक्त जतिन लाल द्वारा किया गया। इस मौके पर अतिरिक्त उपायुक्त ने कहा कि नशा एक दीमक की तरह है, जो युवा वर्ग को खोखला कर रहा है।
उन्होंने कहा कि अध्यापकों से हम आशा करते है कि बच्चों के व्यवहार पर नजर रखें और बच्चों को शिक्षा के साथ-साथ खेल के लिए भी प्रोत्साहित करें, ताकि वे नशे से बचे रहें।
बुधवार को जिला परियोजना अधिकारी डाइट मंडी बलबीर भारद्वाज ने जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यशाला में जिला के 200 अध्यापक भाग ले रहे हैं, जिन्हे 7 बैचों में प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके बाद यह अध्यापक अपने-अपने कार्यक्षेत्रों में समन्वयकों के तौर पर सेवाएं देंगे, और समाज में नशे से ग्रसित लोगों की पहचान उनका इलाज और पुनर्वास का कार्य करेंगे।
इस कार्यशाला में एएसपी आशीष शर्मा, डॉ. विक्रांत, डॉ. सुनील सेन, हेल्थ एजुकेटर एनआर ठाकुर सहित अन्य प्रतिभागियों का मार्गदर्शन करेंगे। पहले दिन की कार्यशाला में शिक्षा खंड बल्ह, सदर, औट, साइगलू, द्रंग, करसोग, सुंदरनगर, चच्योट, सराज, बगस्याड़़, चौंतड़ा सहित 35 ब्लॉकों के हाई व सीनियर सैकेंडरी स्कूल से 35 शिक्षकों ने कार्यशाला में भाग लिया। इसके उपरांत उक्त शिक्षक अपने खंडों में स्त्रोत समन्वयक के रूप में कार्य करेंगे।
बलबीर भारद्वाज ने बताया कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य बच्चों में बढ़ती मादक पदार्थाे की समस्या, उनका समाधान व इससे प्रभावित व्यक्तियों और परिवारों की शिक्षा, नशा मुक्ति और पुनर्वास के उपाय शामिल है।