मंडी (एमबीएम न्यूज़) : विश्व भर में त्रिवेणी के नाम से विख्यात धार्मिक नगरी रिवालसर का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय छेश्चू मेला मंगलवार को विधिवत रूप से शुरू हो गया। लाहुल स्पिति के विधायक एवं राष्ट्रीय अनुसूचित जाति/जनजाति के उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने मेले का विधिवत रूप से शुभारंभ किया। उन्होंने द्वीप प्रज्जवलित करने के बाद विधिवत रूप से पूजन करके मेले का आगाज किया। इसके बाद मेला कमेटी ने मुख्य अतिथि को शाल, टोपी और स्मृति चिंह देकर सम्मानित किया।
बता दें कि रिवालसर में तीन धर्मों के लोग रहते हैं जिसमें हिंदू, सिक्ख और बौद्ध धर्म मुख्य रूप से शामिल है। यही कारण है कि इस स्थान को विश्व भर में त्रिवेणी के नाम से जाना जाता है। सदियों पहले बौद्ध धर्म के गुरू रहे संत पदमसंभव ने रिवालसर की पहाडि़यों और गुफाओं में समय व्यतीत करके यहां पर तपस्या की थी। तभी से ही इस स्थान को बौद्ध अनुयायी अपने लिए पवित्र मानते हैं और संत पदमसंभव की याद में उनके जन्मदिन पर छेश्चू मेले का आयोजन किया जाता है।
यह हिमाचल प्रदेश में बौद्ध अनुयायियों का सबसे बड़ा त्यौहार होता है, जिसमें न सिर्फ देश और प्रदेश के बल्कि विदेशों से भी हजारों की संख्या में आए बौद्ध अनुयायी भाग लेते हैं। इस मेले का आयोजन यूं तो हर वर्ष किया जाता है लेकिन 12वें वर्ष में इसे कुंभ के रूप में मनाया जाता है। कुंभ के दौरान लाखों की संख्या में बौद्ध अनुयायी यहां आकर इस मेले में शिरकत करते हैं। मेले का शुभारंभ करने पहुंचे लाहुल स्पीति के विधायक रवि ठाकुर ने अपने संबोधन में सभी को राज्य स्तरीय छेश्चू मेले की बधाई दी और सभी इसमें बढ़चढ़ कर भाग लेने का आहवान किया।
उन्होंने कहा कि धार्मिक नगरी रिवालसर की मान्यता दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है और उसके हिसाब से यहां पर जरूरतों में भी बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने स्थानीय लोगों को आश्वस्त किया कि वे यहां की समस्याओं को सरकार के समक्ष प्रमुखता से उठायेंगे ताकि रिवालसर शहर का और ज्यादा विकास हो सके।