नाहन – जिला सिरमौर के साथ लगते शिमला जिला के सामुई गांव में करीब 600 साल बाद शांद पर्व का आयोजन किया जा रहा है। एक लंबे अरसे बाद आयोजित हो रहे इस धार्मिक समारोह को लेकर क्षेत्र के लोग बेहद उत्साहित है। समारोह में करीब 10 से 15 हजार लोगों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। परंपरा के अनुसार क्षेत्र मे जब भी किसी नए मंदिर का निर्माण किया जाता है, तब शांद पर्व का आयोजन किया जाता है। सामुई गांव में स्थानीय लोगों द्वारा शिरगुल व गुग्गा महाराज के नए मंदिरों का निर्माण किया गया है। जिसके उपलक्ष्य में शांद का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन में मंदिर के ऊपर एक लकड़ी चढ़ाई जाती है जिसे स्थानीय भाषा में खनेउड कहा जाता है। खास बात यह है कि खनेउड एक ही पेड़ की लकड़ी से बनी होती है और इसमें किसी दूसरी लकड़ी का जोड़ नहीं लगाया जाता। खनेउड को सैंकड़ों लोग मंदिर तक पहुंचाते हैं। इस दौरान देवी-देवताओं की महिमा का गुणगान किया जाता है। अपार आस्था के चलते कई लोगों में देवी-देवताओं की हवा आती है। भारी भीड़ के बीच देवभक्त डांगरे लहराकर नाचते हैं। दिलचस्प बात है कि इस दौरान किसी को खरोंच तक नहीं आती। शांद पर्व के दौरान यह दृष्य सबसे रोमांचक होता है।