मंडी, 27 अगस्त : पुलिस अधीक्षक शालिनी अग्निहोत्री के सरकारी आवास पर उनकी सोने की दो अंगूठियां गुम होने के मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट को सौंपी गई है। जबकि इस मामले में एसपी आवास में कार्यरत महिला के आत्महत्या करने का प्रयास सहित बारे में वीडियो की जांच का जिम्मा डीएसपी सरकाघाट को सौंपा गया है। इस संबंध में डीआईजी मध्य क्षेत्र ने आदेश जारी कर दिए हैं।
जनवादी महिला समिति ने इस मामले में महिला कर्मचारी से मिलकर उसके खिलाफ दबाव बनाकर जुर्म कबूल करवाने के प्रयास का आरोप लगाते हुए इस मामले में पुलिस की कार्रवाई पर सवालिया निशान लगाए हैं।
एसपी ने अपने आवास से अंगूठियों के गुम होने की शिकायत सदर थाना में की थी। सदर थाना पुलिस की टीम ने भी घर पर जाकर तलाशी करने के साथ-साथ घर पर काम करने वाले चार कर्मचारियों से पूछताछ की। जिनसे पूछताछ की गई थी उनमें से एक महिला ने सोमवार को जहरीला पदार्थ खा लिया। महिला को परिवार वाले सुंदरनगर अस्पताल ले गए, जहां से फिर उसे जोनल हॉस्पिटल लाया गया. यहां पर महिला की हालत खतरे से बाहर है।
एसपी शालिनी अग्निहोत्री ने बताया कि उन्होंने किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ कोई शिकायत नहीं दी है। सदर थाना पुलिस को भी सिर्फ अपनी अंगूठियां गुम होने की सूचना दी है। महिला ने जहर क्यों खाया इस बारे में भी पुलिस जांच पड़ताल कर रही है। डीआईजी मध्य क्षेत्र मधुसूदन ने जारी बयान में कहा कि महिला द्वारा जहरीला पदार्थ निगलने के मामले के फॉरेंसिक रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इस मामले की जांच के लिए एसडीपीओ सरकाघाट को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है जबकि एसपी की अंगूठियों के चोरी के मामले की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट करेगी।
जनवादी महिला समिति का एक प्रतिनिधिमंडल सुनीता देवी से जोनल अस्पताल में मिला जो वहां उपचाराधीन है। डॉ. वीना वैद्य जिला अध्यक्ष जनवादी महिला समिति मंडी ने कहा कि यह महिला पुलिस विभाग में स्थायी रूप से कार्यरत सफाई कर्मचारी है। सुनीता देवी की कुछ दिन पहले एसपी के घर पर सफाई की ड्यूटी लगी थी। इस दौरान मैडम एसपी की दो अंगूठियां गुम हो गई थी जिसका दोषारोपण इस पर लगा दिया।
सुनीता से बात चीत मे पता लगा कि उस दौरान पुलिस विभाग के अन्य पुरुष कर्मचारी व घर मे टाईल लगाने वाले मजदूर भी काम कर रहे थे लेकिन उस महिला पर ही चोरी का शक किया गया। उसे पुलिस लाईन से एसपी आफिस बुलाया गया। वहीं सुनीता से अँगुठियोँ के बारे में पूछा व जबर्दस्ती चोरी का जुर्म कबूलने के लिए दबाव डाला। जब सुनीता ने वह जुर्म नहीं स्वीकार किया तो उसे महिला थाने ले जाया गया जहां उसे मारपीट कर प्रताड़ित किया गया।
जनवादी महिला समिति ने मांग की हैं कि पुलिस विभाग सही से छानबीन कर असली मुजरिम को पकडे। बिना किसी सबूत के एक दलित महिला कर्मचारी पर यह दुर्भाग्य पूर्ण कार्रवाई क्यों की गई, उसके लिए एसपी व महिला थाने की एसएचओ माफी मागे व उन पर कार्रवाई की जाए।