शिमला, 24 अगस्त : हिमाचल प्रदेश के डीजीपी संजय कुंडू पर महिला वकील द्वारा दुर्व्यवहार के आरोप लगने के बाद हिमाचल हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की मंगलवार को शिमला में हुई आपात बैठक में डीजीपी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। आपात बैठक में निर्णय लिया गया कि डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए सीएम, गर्वनर, चीफ जस्टिस, होम मिनिस्टर और बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा प्रस्ताव भेजा जाएगा।
उधर, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मामले को लेकर डीजीपी संजय कुंडू का बचाव किया है। शिमला में मंगलवार को पत्रकारों के सवाल पर जयराम ठाकुर ने कहा कि बार काउंसिल जिस तरह इस मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रही है, वो तरीका सही नहीं है। एक साधु समाज के वर्ग के साथ दुर्व्यवहार करना और उनके परिसर में घुसने की कोशिश की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक एक धार्मिक संस्था की संपति पर कब्जा करने की मंशा से ऐसा किया गया है। धार्मिक संस्था की ओर से इस मसले में बार-बार शिकायत की गई और शिकायत के बाद पुलिस अब अपनी कार्रवाई कर रही है। इस प्रस्ताव के जरिए डीजीपी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की जाएगी। बार एसोसिएशन ने इस घटनाक्रम पर डीजीपी की दखलअंदाजी की कड़ी आलोचना की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले में डीजीपी ने भी महिला वकील को समझाने की कोशिश की है, लेकिन डीजीपी की मौजूदगी में महिला वकील ने मौके पर फिर दुर्व्यवहार किया। ऐसे में इस घटना में दोषी के खिलाफ कानून के तहत कार्रवाई होनी चाहिए। किसी भी आदमी को इस तरह कानून को अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा कि वो वकीलों का सम्मान करते हैं, लेकिन कानून को हाथ में लेकर डीजीपी के साथ इस तरह का व्यवहार निंदनीय है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रमुख होने के नाते डीजीपी कहीं भी जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि बार एसोसिएशन इस मामले को गलत दिशा दे रहा है।
दरअसल महिला वकील ने बार काउंसिल को शिकायत पत्र दिया था कि डीजीपी ने एक घटना को लेकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया है और उसे झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। महिला वकील ने इस घटनाक्रम से जुड़ज्ञ वीडियो पेन ड्राइव में बार एसोसिएशन को भेजा है।
दूसरी तरफ प्रदेश पुलिस ने आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक वीडियो अपलोड कर लिखा है कि एक महिला कई कुत्तों के साथ मंदिर परिसर में घुस आयीं और वहां मौजूद पुजारियों को डराया धमकाया। यह न केवल आपराधिक धमकी का कृत्य है, बल्कि हिंदुओं द्वारा पवित्र माने जाने वाले मंदिर के गर्भगृह को अपवित्र करना भी है। शिमला पुलिस द्वारा मंदिर के पुजारियों की शिकायत पर इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जा रही है।