नाहन/प्रकाश शर्मा
आज के युवा वर्गों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है बस देर है तो उनके हुनर को पहचानने की। किसी में खेल की प्रतिभा है तो किसी की कलम उसकी प्रतिभा को बयां करती है।
सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र के छोटे से गांव भलौना के रोहित कन्याल ने इस बात को सही साबित कर दिया हैं। कोरोना के इस दौर में घर बैठे हर कोई परेशान है, लेकिन कुछ युवाओं ने इस समय में भी कुछ ऐसा कर दिखाया जिससे न केवल उनके माता-पिता का नाम रोशन हुआ बल्कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी काबिलियत का लोहा मनवाया।
दरअसल हरियाणा के वूमेन कॉलेज हिसार द्वारा राष्ट्रीय काव्य पाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसमें देश भर के कई युवा कवियों ने भाग लिया। यह प्रतियोगिता 2 महीने पहले हुई थी, जिसका नतीजा 15 अगस्त को जारी कर दिया गया था। प्रतियोगिता ऑनलाइन माध्यम से हुई थी। रोहित ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें उन्होंने देशभर में दूसरा स्थान हासिल कर जिला ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है।
इसमें प्रतिभागी को अपनी कविता का वीडियो बनाकर भेजना था, इसमें शर्त यह रखी गई थी कि कविता खुद लिखी हुई हो। रोहित ने अपनी कविता का शीर्षक “आखिर एक लड़की को ही घर छोड़कर क्यों जाना पड़ता है” रखा था। इसमें उनको देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
रोहित संगडाह कॉलेज में अपनी शिक्षा ग्रहण कर रहा है। रोहित ने बताया कि वह बचपन से ही कविता लिखने में रुचि रखते हैं। इसके लिए उन्होंने यूट्यूब चैनल भी बनाया है जिस पर वह अपनी कविताएं डालते रहते हैं।
बता दें कि कोरोना के इस दौर में हमीरपुर के भी एक युवक का ऐसा ही छिपा टेलेंट सामने आया था जो गत्तो से बसों और गाड़ियों के मॉडल इस तरह तैयार करते हैं मानो वह असली हो।
इससे अन्य युवाओं को भी सीख मिलती है कि उन्हें घर बैठकर डिप्रेशन या किसी गलत आदत में नहीं पड़ना चाहिए बल्कि इस समय का प्रयोग करके अपनी प्रतिभा को पहचाने और मेहनत करके सफलता हासिल करें।