सोलन (एमबीएम न्यूज): प्रदेश में पिछले करीब पांच वर्षों से सरकार व जीवीके ईएमआरआई कंपनी के सांझे प्रयासों से स्वास्थ्य के क्षेत्र में घरद्वार पर प्रदान की जा रही 108 एंबुलेंस सेवा जोखिम में फंसी सैंकड़ों जिंदगियों को बचाने में सफल रही है। ऐसा कई बार हुआ है, जब 108 एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना जोखिम में फंसे लोगों को समय रहते स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की है।
जीवन रक्षक में समर्पणता के साथ अनूठे योगदान देने के लिए जीवीके ईएमआरआई 108 ने हिमाचल प्रदेश के कई कर्मचारियों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। इस दौरान ईएमटी नीलचंद व पायलट रमेशचंद को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित गया। ईएमटी नीलचंद व पायलट रमेशचंद ने एक बेहद नाजुक केस को सफलता पूर्वक हैंडल करते हुए कुल्लू के निरमंड गांव के रहने वाले एक व्यक्ति की जान को बचाया है। उक्त दोनों ही कर्मियों ने बेहद नाजुक केस को सफलतापूर्वक निपटाया था।
यह केस जिला कुल्लू के निरमंड कस्बे के गांव का था। बीती 2 अक्तूबर 2015 को 58 वर्षीय हेतराम ऊंचाई से गिरने की वजह से बुरी तरह से जख्मी हो गया था। सहायता के लिए जब उनके परिजनों ने 108 पर कॉल की, तो यह केस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निरमंड स्थित एंबुलेंस के ईएमटी नीलचंद व पायलट रमेशचंद को सौंपा गया। घटनास्थल पर पहुंचकर उन्होंने मरीज को अचेत पाया। मरीज ऊंचाई से फिसल कर गिर गया था और सिर में अंदरूनी चोट की आशंका थी। बाईं टांग के टूटने की भी आशंका थी। मरीज को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी।
मरीज को एंबुलेंस में डालकर नजदीकी अस्पताल की ओर ले जाया गया। एंबुलेंस में उसकी जीवनीशक्ति का निरीक्षण किया गया। ईएमटी नीलचंद ने तुरंत ईआरसीपी से संपर्क किया और डाक्टर की सलाह पर मरीज को 12 लीटर प्रति मिनट के हिसाब से ऑक्सीजन व जख्मों का उपचार ट्रेमाडोल-2 एमएल के साथ किया गया। मरीज को आरामदायक स्थिति में रखा गया। तुरंत मिले इस प्राथमिक उपचार के बाद मरीज की हालत में सुधार देखा गया और उसे आगे के उपचार के लिए एमजीएमएससी में सुरक्षित भर्ती कराया गया।